【gidhaur.com | News Desk】Edited by- Shubham Mishra :-
हिन्दी साहित्य में एक सुप्रसिद्ध पंक्ति है कि " कुछ कर गुजरने के लिये मौसम नहीं मन चाहिये " उक्त पंक्तियां इन दिनों एक युवा जोश के सकारात्मक सोंच द्वारा समाज में शिक्षा व्यवस्था को एक सही दशा एवं दिशा दे रही है।
जी हाँ ! मैं बात कर रहा हूँ जमुई जिले के गिद्धौर प्रखंडान्तर्गत मौरा गांव के प्रतिष्ठित एवं सज्जन मध्यवर्गीय परिवार रजनीकांत पांडेय के पुत्र चंदन पांडेय की। जिन्होंने समाज में एक नई एवं अनोखी सोंच द्वारा समाज के गरीब बच्चों को पढ़ाई की ओर मुखातिब कर रहे हैं। वो गरीब बच्चों को उसके ज़रूरत अनुसार सहायता राशि न देकर संबंधित सामग्री ही देते हैं।
जी हाँ ! मैं बात कर रहा हूँ जमुई जिले के गिद्धौर प्रखंडान्तर्गत मौरा गांव के प्रतिष्ठित एवं सज्जन मध्यवर्गीय परिवार रजनीकांत पांडेय के पुत्र चंदन पांडेय की। जिन्होंने समाज में एक नई एवं अनोखी सोंच द्वारा समाज के गरीब बच्चों को पढ़ाई की ओर मुखातिब कर रहे हैं। वो गरीब बच्चों को उसके ज़रूरत अनुसार सहायता राशि न देकर संबंधित सामग्री ही देते हैं।
इस बाबत विस्तृत जानकारी साझा करते हुए वे कहते हैं कि विगत 2018 में देवघर प्रवास के दौरान एक बच्चे को चिलचिलाती धूप में खड़े होकर भीख मांगते देखा, कुछ लोग एक-दो रूपये के सिक्के देकर तो कुछ लोग ताने मारकर उस रास्ते से गुजर रहे थे। यह दृश्य देखकर मेरे मन में एक अजब सी टीस मारी जा रही थी कि समय एवं समाज लोगों को क्या-क्या सुनने एवं करने को मजबूर कर देता है। मैं उस बच्चे के पास जाकर सहजता से भीख मांगने का कारण पूछा, उस बच्चे ने जवाब दिया कि पढ़ाई करने के लिए पेंसिल, रबर एवं कटर लेनी है। मेरे माता-पिता की ऐसी स्थिति नहीं है कि मैं यह सब खरीद सकूं। इसलिए भीख मांगने को मजबूर हूँ।मेरे मन में करूणा उमड़ रही थी और मन में सहयोग राशि देने की बात उद्धृत हो रही थी।फिर मैंने सोंचा कि क्यों न संबंधित सामग्री ही दिया जाय जिससे इसकी जरूरत भी पूर्ण होगी और लोगों के सामने हाथ भी पसारने का मौका नहीं मिलेगा।
इस तरीके से इसके बाल-मन में भीख मांगते समय अपराध बोध भी नहीं होगा और समाज में इस तरीके से अपराध भी कम होने के आसार हैं।मैंने उक्त बालक की सहायता की।इस घटना को हुए कुछ दिन बीत गये और मैं इसे भूल भी चूका था।एक दिन अनायास ही उस बच्चे ने मुझे आकर धन्यवाद दिया और आभार व्यक्त किया।पता नहीं उस समय मुझे एक अलग सी अनुभूति हो रही थी। मेरे अंतःमन में अलग सी खुशी एवं आत्मसंतुष्टी महसूस हो रही थी। उसी समय मेरे मन में एक विचार आया कि क्यों न समाज में एक संगठन बनाया जाय जो गरीब बच्चों को पढाई में हर संभव मदद दे। जिसके लिए मैने 20 मई 2018 को Poor Child Education Trust (PCET) की स्थापना की। जिसके द्वारा हमलोगों का संगठन गांव-कस्बों के गरीब बच्चों को पढ़ाई में उपयोग आने वाली वस्तुओं को देता है। अभी तक इस संगठन से सैकड़ों की संख्या में लोग जुटते जा रहे हैं। वर्तमान में इस संगठन का अध्यक्ष सविता झा, सचिव चंदन पांडेय, कोषाध्यक्ष पूजा कुमारी को बनाया गया है। इस संगठन को आगे बढ़ाने में अजय, कार्तिक,सरिता, राकेश आदि गणमान्यों का अहम योगदान है ।