झाझा [शक्ति प्रसाद शर्मा] :
अजादी के तिहत्तर वर्ष बाद भी बलियो नदी पर पुल का निर्माण नही होना बेहद निराशाजनक है। जमुई जिले को नीति आयोग मे अव्वल दर्जे कैसे दिया गया! जबकि जिले के समुचित व्यवस्था, चाहे वह शिक्षा से हो, बेरोजगारी से हो, अथवा सड़क या पुल, हर क्षेत्र में फिसड्डी बनी हुई है। जनप्रतिनिधि का कोई ध्यान नहीं है। ऐसे मे क्षेत्र के लोग किन्हें अपना दुखड़ा सुनाए? इस पुल के ना बनने से कितनी महिलाओं ने प्रसव पीड़ा से अपना दम तोड़ दिया। छात्रों को काफी परेशानी होती है। यह पुल कुल दस गांव एवं तीन प्रखंड झाझा, सोनो एवं खैरा को जोड़ती है।
नव यूवक संघ के संयोजक गौरव सिंह राठौड़ ने बिहार सरकार से मांग की है कि अविलंब बलियो पुल तथा तमाम प्रखंड के जर्जर सड़कों को बनाया जाए अन्यथा अबकी बार प्रदर्शन नही सीधा सड़क जाम करेंगे, जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
मौके पर दीपक राउत, धीरज यादव, जयप्रकाश सिंह, बेदप्रकाश आर्य, अमित कुमार, दिलीप साव, मदन तांती, राजू, संदीप, उमेश शर्मा, शिवम, मनीष कुमार एवं अन्य ग्रामीण उपस्थित थे।