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शिक्षकों के लोकतांत्रिक विरोध को रोकना सरकार के तानाशाही रवैये का प्रतीक

अलीगंज  (चंद्रशेखर सिंह) :-
टीईटी / एसटीईटी उत्तीर्ण नियोजित शिक्षक संघ गोपगुट जमुई ने पटना प्रशासन द्वारा शिक्षकों को गांधी मैदान नही दिये जाने पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। संघ के जिला अध्यक्ष मृत्युंजय कुमार ने कहा कि 5 सितंबर को शिक्षक दिवस के मौके पर गांधी मैदान में शिक्षकों को लोकतांत्रिक विरोध कार्यक्रम आयोजित करने से रोकना सरकार के तानाशाही रवैये का प्रतीक है । 


सूबे के तमाम शिक्षक संगठनों के साझा मंच बिहार राज्य शिक्षक संघर्ष समन्वय समिति, प्रशासन से विधिवत गांधी मैदान अलाट करने का आवेदन कर चुकी है। अब जबकि आंदोलन की तिथि नजदीक है, सुरक्षा और व्यवस्था के नाम पर शिक्षकों को गांधी मैदान में लोकतांत्रिक विरोध कार्यक्रम आयोजित करने से रोका जा रहा है । नियोजित शिक्षकों के साथ हर समय भेदभाव करनेवाली नीतीश सरकार के इस तुगलकी फरमान को खारिज करते हुए, जिला एवं बिहार का शिक्षक समाज अपनी लड़ाई जारी रखेगा। उन्होनें कहा कि पहले शिक्षक दिवस के दिन स्कूल में हाजिर होने का शासकीय आदेश, उसके बाद गांधी मैदान देने से इनकार किया जाना नियोजित शिक्षकों के आंदोलन से घबरायी हुई सरकार की हकीकत ही बयां कर रही है । शिक्षक आंदोलन में बाधा पैदा करने की सरकारी साजिशों के खिलाफ समन्वय समिति की कल  31 अगस्त 2019 को आयोजित बैठक में आगे की रणनीति बनेगी ।
संघ के जिलासचिव सह प्रवक्ता राजेश कुमार ने कहा कि शिक्षामंत्री बार बार वार्ता की बात कर रहे हैं लेकिन समन्वय समिति को अबतक वार्ता हेतु कोई पत्र निर्गत नही किया जाना कोरी जुमलेबाजी ही तो है । बिहार के नियोजित शिक्षक सरकार की लफ्फाजी से भलीभांति वाकिफ हैं प्रबंध समिति के जिला सदस्य विमल कुमार , विकास चन्द्र , अंजीव कुमार, प्रमोद कुमार सरजीत कुमार,अर्चना कुमारी एवं शशि प्रभा ने कहा कि शिक्षामंत्री कृष्णनंदन वर्मा उलजलूल बयान देकर अपनी हताशा ही व्यक्त कर रहे हैं । उन्हें पता होना चाहिए कि बिहार के करोड़ों बच्चों के शिक्षा और स्वास्थय की जिम्मेवारी नियोजित शिक्षकों के कंधे पर ही है । मंत्रीजी भले ही मुख्यमंत्री के सोच की उपज हो सकते हैं बिहार का शिक्षक समुदाय सुबे के जनता के जरूरतों की उपज हैं।  माननीय सर्वोच्च न्यायालय में गलत तथ्य प्रस्तुत करनेवाली सरकार के शिक्षामंत्री न्यायादेशों की जुगाली करना बंद करके एक ही कार्यस्थल पर समान काम कराते हुए असमान वेतन देने की दोयम नीतियों पर जवाब देना सुनिश्चित करें । बिहार का नियोजित शिक्षक समुदाय समान काम समान वेतन व सेवाशर्त समेत तमाम मसले पर अपना संघर्ष और तेज करेगा।