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बिहार के अंडा उत्पादक किसान आन्दोलन की राह पर, लागत से कम मूल्य पर अंडा बेचने को मजबूर




पटना [अनूप नारायण] :
विगत कुछ वर्षों में बिहार के किसानों ने खेती में हो रहे लगातार नुकसान की वजह से अपने को अंडा उत्पादन के उद्धम से जोड़ा. बिहार में अंडा उत्पादन के क्षेत्र में लगभग 350 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी. परन्तु अंडा उत्पादन की लागत में वृद्धि और बाज़ार मूल्य कम होने की वजह से परेशान किसानो ने बुधवार को पटना के बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के सभागार में एक बैठक का आयोजन किया. इस बैठक के संयोजक श्री संजीव कुमार श्रीवास्तव ने किसानों को बतलाया की अभी तक अंडे का मूल्य निर्धारण व्यापारियों का एक समूह अपने हित के अनुसार करता है, जिससे किसानो का कोई लेना देना नहीं है. यह संस्था बरवाला पंजाब में स्थित है इनके द्वारा जारी किये गए मूल्य से किसान भ्रमित हो रहे है श्री श्रीवास्तव ने यह भी कहा की विगत कुछ वर्षों में उन्होंने व्यक्तिगत प्रयास से बैंकों के साथ सामंजस्य बनाकर कई किसानो को ऋण उपलब्द कराया है. परन्तु अब जब किसान अपने उत्पाद के साथ बाज़ार में आयें हैं, तो बिचौलियों द्वारा मूल्य लागत से कम रखने के कारण बहुसंख्य किसान परेशान हैं. इस स्थिति में जल्द ही कुछ नहीं किया गया तो किसान आन्दोलन के लिए अग्रसर होंगे और इसके लिए सरकार जवाबदेह होगी. जब की बैंकों के ऋण पर भी नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा.

पटना में आयोजित इस बैठक में पंजाब, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश आदि राज्यों से भी किसान हिस्सा लिया. बैठक को संबोधित करते हुए राकेश कुमार कश्यप ने सबका आह्वान किया कि किसानों की समस्या से सरकार को अवगत कराया जाये और सरकार यदि समाधान के लिए समय पर पहल नहीं करती है तो चरणवद्ध आन्दोलन की शुरुवात की जाये.

बैठक की औपचारिक शुरुवात बिहार पशु विज्ञान विश्वविद्यालय के डीन, स्टूडेंट वेलफेयर, डॉ रमण त्रिवेदी के द्वारा की गयी. डॉ त्रिवेदी ने किसानों को आश्वासन दिया कि विश्वविद्यालय हर स्तर पर किसानों की मदद के लिए तैयार है. तकनीकी जानकारी के साथ साथ उत्पादन तथा विपणन तक की कड़ी में आने वाली परेशानी को दूर करने के लिए विश्वविद्यालय किसानों का साथ देगी. बैठक का समापन विश्वविद्यालय के सहायक प्राध्यापक , प्रसार शिक्षा डॉ. पंकज कुमार के द्वारा किया गया.