gidhaur.com (न्यूज़ डेस्क) | नीरज कुमार
एक तरफ सूबे की सरकार भ्रष्टाचार मुक्त बिहार बनाने की बात करते नहीं थकती है, वहीं दूसरी ओर अफसरों की मिलीभगत से योजनाओं की जांच प्रभावित किये जा रहे हैं।यह बात दरअसल मांगोबंदर पैक्स की है,जिस बारे में अखिल भारतीय किसान महासभा के जिला सचिव मनोज कुमार पाण्डेय ने बताया कि मांगोबंदर पैक्स अध्यक्ष कमलेश कुमार सिंह द्वारा वित्त वर्ष(2018-19) में फर्जी तरीके से किसानों के नाम पर धान खरीदारी में घालमेल करने एवं पूर्व से सुखाड़ सहायता राशि द्वारा लाभान्वित किसानों से धान की अधिप्राप्ति का दोबारा लाभ देने को लेकर पिछले महीने दिनांक 25 जुलाई को अखिल भारतीय किसान महासभा द्वारा जिले के अंबेदकर चौक पर एक दिवसीय धरना एवं जिलाधिकारी जमुई को एक ज्ञापन दिया गया।दिये गये ज्ञापन पर विचार करते हुए अंचलाधिकारी सोनो को मामले की जांच करने का आदेश दिया गया।
वहीं प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी खैरा ओमप्रकाश कुमार द्वारा मामले में लीपा-पोती की जा रही है।जिससे जांच प्रभावित हो रही है।अगर ऐसी स्थिति बनी रही तो भ्रष्टाचार चरमोत्कर्ष पर होगा।जिससे किसानो के सामने भुखमरी की स्थिति बनी रहेगी।
दोहरे लाभान्वित किसानों की सूची :-
1) चंद्रशेखर सिंह-24583 ₹
- 53 क्विंटल
- 53 क्विंटल
2) कृष्ण कुमार दुबे-10926 ₹
-100 क्विंटल
-100 क्विंटल
3)शक्ति भूषण सिंह -
- 24583 ₹
- 60 क्विंटल
- 24583 ₹
- 60 क्विंटल
4) त्रिपुरारी सिंह-16,389 ₹
- 95 क्विंटल
- 95 क्विंटल
5) संजीव कुमार सिंह -
-21,852 ₹
- 80 क्विंटल
-21,852 ₹
- 80 क्विंटल
6) बलराम दुबे - 8,194 ₹
-50 क्विंटल
-50 क्विंटल
7) रवि शंकर सिंह-16,389 ₹
-55 क्विंटल
-55 क्विंटल
8) प्रदीप सिंह -16,389 ₹
- 55 क्विंटल
9) देवानंद- 18,847 ₹
- 50 क्विंटल
10) माणिक सिंह 16,389 ₹
- 53 क्विंटल
उपरोक्त नामों के अलावे और भी नाम हैं।
- 55 क्विंटल
9) देवानंद- 18,847 ₹
- 50 क्विंटल
10) माणिक सिंह 16,389 ₹
- 53 क्विंटल
उपरोक्त नामों के अलावे और भी नाम हैं।