धर्म एवं आध्यात्म | अपराजिता :
पवित्र मास श्रावण की पूर्णिमा को भाई - बहन के प्रेम का त्योहार रक्षाबंधन मनाया जाता है। इस दिन बहनें अपने भाइयों की कलाई में राखी बांधकर भाई की लंबी उम्र की कामना करती हैं तो भाई जीवनभर अपनी बहन की रक्षा का वचन देते हैं। इस साल रक्षाबंधन का त्योहार 15 अगस्त, गुरुवार के दिन मनाया जाएगा।
पंडित वेदानंद पाण्डेय ने बताया कि इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा का साया नहीं रहेगा और न ही किसी प्रकार का ग्रहण रहेगा। इसबार रक्षाबंधन वृहस्पतिवार के दिन रहने पर बेहद ही शुभ संयोग बना रहा है।
पूर्णिमा तिथि 14 अगस्त, बुधवार को दिन 2 बजकर 46 मिनट से 15 अगस्त, वृहस्पतिवार शाम 6 बजे तक रहेगी। 15 अगस्त को राहुकाल दोपहर 1 बजकर 30 मिनट से 3 बजे तक है। राहुकाल को छोड़कर दिन में कभी भी राखी बांधना मंगलकारी रहेगा। अर्थात् इस दिन सूर्योदय से सूर्यास्त के पूर्व तक कभी भी बहनें अपने भाइयों को राखी बांध सकती हैं।
राखी बंधने का मन्त्र
" येन बद्धो बलिराजा, दानवेन्द्रो महाबलः।
तेनत्वाम् प्रति बद्धनामि रक्षे, माचल - माचलः ।। "
राखी बंधने का मन्त्र
" येन बद्धो बलिराजा, दानवेन्द्रो महाबलः।
तेनत्वाम् प्रति बद्धनामि रक्षे, माचल - माचलः ।। "
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