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रविवार, 14 जुलाई 2019

ऐसे शिक्षक की कहानी जिन्होंने रच दिया इतिहास, रह चुके हैं एनडीए के प्रत्याशी


पटना | अनूप नारायण :
आज पढ़िए एक ऐसे अनूठे शिक्षक की कहानी जिसने अपने कठिन परिश्रम और साहस के बल पर रच दिया है इतिहास. सिवान जिले के दरौंदा प्रखंड के धनाडीह गांव के एक गरीब किसान  परिवार में जन्म लेने वाले प्रो बी.के सिंह आज बिहार के श्रेष्ठ शिक्षकों में शुमार है. भूख गरीबी काफी करीब से देखने वाले प्रोफ़ेसर बीके सिंह ने बड़े पैकेज वाले नौकरियों की अपेक्षा बिहार के छात्रों को डॉक्टर इंजीनियर बनाने का बीड़ा उठाया. दो दशकों में इन्होंने हजारों की तादाद में गरीबों के सपने ही नहीं पूरे किए हमें दी आशा की एक किरण. इस बार दरौंदा विधानसभा उपचुनाव की कहानी में बंदूक नही बल्कि किताब है।जो बिहार का इतिहास भी है और असल पहचान भी। इस बार के एनडीए के प्रत्याशी प्रोफ़ेसर बीके सिंह बिहार के उस जज़्बे से आपको रुबरु करायेगे जिसमें प्यार है,हौसला है और आनंद है।प्रो बीके सिंह की पहचान एक सरल बिहारी टीचर के रूप में हैं जो भारत के असल रूप से आपको रुबरु कराती है।हमारे भारत मे ज्यादातर न बिहारी को उतना सम्मान मिला है न किसी भी टीचर को(प्रैक्टिकल रूप में,किताबों में बहुत मिला है)जबकि दोनों के बिना आपका होना अधूरा है।प्रो बी के सिंह उस जीत का नाम है जिसमें एक संदेश है की शिक्षा आपको कहाँ से कहाँ पहुंचा देती है. प्रो बी के सिंह एक यात्रा का नाम है जिसके पढ़ाये बच्चे तंग गलियों और टूटी घरों की दीवारों से निकलकर किसी बड़ी कंपनी के बड़े से Ac ऑफिस में प्रेजेंटेशन दे रहे होते हैं।प्रो बी के सिंह एक ज़िद है जिसने कभी हार न मानने की कसम खा रखी है .प्रो बी के सिंह उत्सव है जो बिहार के कण कण में बसा है।

जहां हम सिर्फ अपने लिए नही बल्कि सबके लिए सपने देखते हैं।प्रो बी के सिंह एक सेतु है जिसको पार करके आप सरलता से,सहजता से,बिहारीपन से,ज़िद से,मेहनत से मिल लेते है।
प्रोफ़ेसर बीके सिंह की जीवन यात्रा  बाधा पर विजय से कम नहीं. अपने कठिन परिश्रम अदम्य साहस और आत्मबल के बल पर बिहार के शिक्षा जगत में अनूठी मिसाल कायम करने वाले प्रोफ़ेसर बीके सिंह ने समाजसेवा के क्षेत्र में भी अनूठी मिसाल कायम की है. इन्होंने बिहार के सिवान जिले के दरौंदा विधानसभा क्षेत्र को अपना कार्यक्षेत्र बना रखा है .बच्चों को पढ़ने पढ़ाने के अलावा सप्ताह में प्रत्येक रविवार यह अपने क्षेत्र में होते हैं .विगत 10 वर्षों से यह सिलसिला चल रहा है लोगों से मिलना उनके दुख दर्द का भागी बनना उनकी समस्याओं को सुलझाने के लिए अधिकारियों से बात करना गरीब कन्याओं के विवाह के लिए आर्थिक मदद करना लाचार बीमार लोगों के लिए निशुल्क चिकित्सा व्यवस्था करवाना सड़क बिजली पानी स्वास्थ्य शिक्षा जैसे बुनियादी समस्याओं को लेकर आंदोलन  करना इनके कार्यों में शुमार है इनकी लोकप्रियता का आलम यह की इस बार जब दरौदा की निवर्तमान जदयू विधायक कविता सिंह सिवान से सांसद निर्वाचित हुई हैं तब से क्षेत्र में प्रोफ़ेसर बीके सिंह को जदयू का उम्मीद्वार बनाए जाने को लेकर जनआंदोलन चलाया जा रहा है. गांव गांव स्तर तक इनके समर्थकों ने अपनी कमेटियां बना रखी है. 

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तक इस बात की खबर पहुंची है कि साफ छवि और लोकप्रिय उम्मीदवार बी के सिंह पर दांव लगाना इस बार सफल होगा. जदयू के रणनीतिकार राज्यसभा सांसद आरसीपी सिन्हा ने प्रोफेसर बीके सिंह को तो दरौंदा उपचुनाव में अपनी तरफ से हरी झंडी दे दी है. प्रो बी के सिंह कहते हैं कि  व्यक्ति की शुरुआत शून्य से होती है और सफलता मिलने के बाद भी इंसान सरल रहे तो समाज के लिए अनुकरणीय होता है. बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इनके आदर्श हैं उनके द्वारा बिहार में चलाए जा रहे कार्यक्रमों को लेकर वे  इन दिनों जन जागरण अभियान चला रहे हैं शराबबंदी, दहेज उन्मूलन व बिहार में नीतीश सरकार द्वारा किए जा रहे जन उपयोगी कार्य जनता तक सीधा संवाद करके पहुचा रहे है.वे शिक्षक हैं वर्षों से इंजीनियरिंग और मेडिकल के छात्रों को पढ़ाते आ रहे हैं इसलिए लोगों का अपार जनसमर्थन उनके साथ बना हुआ है.

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