Breaking News

6/recent/ticker-posts

पटना : आशा की किरण बन गए हैं अनूठे चिकित्सक डॉ. विजय राज सिंह

[पटना | अनूप नारायण] :
एक ऐसे अनूठे चिकित्सक की कहानी जिसने अपने कठिन परिश्रम और साहस के बल पर रच दिया है इतिहास. छपरा जिले के एकमा प्रखंड के सरयूपार गांव के एक गरीब किसान  परिवार में जन्म लेने वाले डा. विजयराज सिंह आज बिहार के श्रेष्ठ चिकित्सको में शुमार है. भूख गरीबी काफी करीब से देखने वाले डा सिंह ने बड़े पैकेज वाले नौकरी करने अपेक्षा बिहार को ही अपना कार्य क्षेत्र बनाया . दो दशकों में इन्होंने हजारो गरीबों के सपने ही नहीं पूरे किए बल्कि हमें आशा की एक नई किरण भी दी.
डॉ विजय पाल सिंह बिहार के ख्याति प्राप्त चिकित्सक होने के साथ ही साथ बहुयामी व्यक्तित्व के स्वामी भी है. ये अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के बिहार के प्रदेश अध्यक्ष हैं साथ ही साथ ग्लोबल राज प्रोडक्शन हाउस के माध्यम से इन्होंने एक साथ छह भोजपुरी फिल्मों के निर्माण की प्रक्रिया भी प्रारंभ की है जिसमें से एक फिल्म 'सच्चाई हमार जिंदगी' बनकर तैयार है जिसका प्रदर्शन इस वर्ष ही  होना है. पटना के गोला रोड में इनका अस्पताल राज ट्रामा सेंटर चौबीसों घंटे गरीब असहाय मरीजों की सेवा के लिए तत्पर रहता है .अस्पताल में एक साथ 60 से ज्यादा चिकित्सक जुड़े हुए हैं .यहां गंभीर रोगों के इलाज के साथ ही साथ सामान्य रोगों का भी सुचारू पूर्ण ढंग से इलाज होता है. शिक्षा के क्षेत्र में गरीब और ग्रामीण परिवेश के छात्रों को आधुनिक शिक्षा देने के लिए डॉक्टर विजय राज सिंह ने बिहार के हाजीपुर में शांतिनिकेतन नाम से सीबीएसई से संबद्ध 12वीं तक मान्यता प्राप्त विद्यालय की स्थापना की है .फिलहाल इस विद्यालय में 5000 छात्र शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं.
बिहार के औरंगाबाद में एक भव्य मंदिर का निर्माण भी डॉक्टर विजय राज जी करवा रहे है.जो अपने निर्माण काल से ही चर्चा केंद्र बिंदु में है .इसके निर्माण पर अब तक एक करोड़ से ज्यादा की राशि खर्च हो चुका है . मंदिर के निर्माण में में सहयोग कर सराहनीय कार्य किया है. प्रतिवर्ष दर्जनों गरीब कन्याओं का विवाह करवाना ,सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेना भी इनकी आदतों में शुमार है.बातचीत के क्रम मे इन्होने बताया कि उन्होंने गरीबी भूखा अभाव काफी नजदीक से देखा है. उन्होंने खुद के बल पर समाज को आगे बढ़ाने का प्रण कर रखा हैं इसी जज्बे के साथ अपनी ग्लोबल राज ग्रुप ऑफ कंपनी बनाकर चिकित्सा शिक्षा फिल्म निर्माण व विविध क्षेत्र में कार्य करना प्रारंभ किया है. साथ ही साथ में हजारों नौजवानों को रोजगार प्रदान किया है.
राजनीति में आने के सवाल पर वे कहते हैं कि अगर आप की नीति सही है तो आप राजनीति में है. सभी दलों में उनके चाहने वाले लोग हैं और सभी दलों के राजनेताओं से वे संबंध रखते हैं .खुद राष्ट्रवादी हैं, धार्मिक अनुष्ठानों में भी भाग लेते हैं, सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं, क्षत्रिय समाज से आते हैं इस कारण समाज के उत्थान के लिए कार्य करते हैं .एक सवाल के जवाब में उन्होंने बताया की हॉस्पिटल स्कूल फिल्म प्रोडक्शन व अन्य 15 इकाइयों के द्वारा प्रतिदिन जो आय होती है उसका 10 फिसदी हिस्सा वे समाज कल्याण के लिए निकालकर अलग रख देते है समाज के उत्थान के लिए सामाजिक कार्य करने वाले लोगों के लिए उनका दरवाजा चौबीस घंटे खुला रहता है.
भोजपुरी भाषा में फिल्म निर्माण के क्षेत्र में धमाके के साथ उतरने के सवाल पर उन्होंने कहा कि भोजपुरी दुनिया की सबसे मीठी भाषा है पर कुछ लोग इस भाषा को बदनाम करने और अश्लीलता का पर्याय बनाने में लगे हुए इसी कारण उन्होंने काफी सोच समझ के भोजपुरी फिल्म निर्माण के क्षेत्र में पदार्पण किया है. 'सच्चाई हमार जिंदगी' पहली फिल्म है इसके बाद लगातार बैक टू बैक पांच फिल्मों का निर्माण होना है. भोजपुरी फिल्म और गीत संगीत में फैली अश्लीलता पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि सेंसर बोर्ड भी अब विवादों के साए में है सेंसर के नीति और नीयत पर सवाल उठने लगे हैं अगर सेंसर है तो फिर गंदगी कैसे बाहर निकल कर आ रही है. उन्होंने बिहार सरकार से मांग की कि राज्य सरकार अध्यादेश लाकर शराबबंदी की तरह अश्लील और गंदे गानों का प्रचार-प्रसार और प्रसारण बिहार में पूरी तरह प्रतिबंधित करें.