इस बिहारी ने पाइथागोरस थ्योरम को 50+ तरीकों से किया सिद्ध, ‘वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्डस लंदन’ में नाम दर्ज - gidhaur.com : Gidhaur - गिद्धौर - Gidhaur News - Bihar - Jamui - जमुई - Jamui Samachar - जमुई समाचार

Breaking

A venture of Aryavarta Media

Post Top Ad

Post Top Ad

Saturday, 29 June 2019

इस बिहारी ने पाइथागोरस थ्योरम को 50+ तरीकों से किया सिद्ध, ‘वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्डस लंदन’ में नाम दर्ज

पटना | अनूप नारायण :
आर के श्रीवास्तव का नाम 'वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' लंदन में दर्ज हुआ है। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स लंदन से सम्मानित होने के बाद आर के श्रीवास्तव ने एक बार फिर ये साबित कर दिया है कि, वे सही मायने मे 'मैथेमैटिक्स गुरु' है। आर के श्रीवास्तव ने अपने पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में बहुत उतार-चढ़ाव देखे हैं। लेकिन, अपनी हिम्मत और लगन के दम पर आर के श्रीवास्तव ने एक बार फिर खुद को साबित कर दिखाया है। आर के श्रीवास्तव का नाम 'वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स' द्वारा प्रकाशित किताब में दर्ज किया गया है। किताब में यह जिक्र किया गया है कि आर के श्रीवास्तव ने पाइथागोरस थ्योरम को क्लासरूम प्रोग्राम में 52 अलग अलग तरीके से बिना रुके  सिद्ध करके दिखाया है। वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स लंदन के संरक्षक ब्रिटिश पार्लियामेंट के सांसद वीरेंद्र शर्मा, चेयरमैन दिवाकर शुकुल , प्रेसिडेंट संतोष शुकुला ने आरके श्रीवास्तव को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स सम्मान से सम्मानित होने पर उन्हें बधाई दिया।

बिहार के एक छोटे से गांव विक्रमगंज के रहने वाले गरीब असहाय बच्चों को मात्र 8 रुपए महीने में आईआईटी , एनआईटी , बीसीईसीई में सफलता दिलाकर इंजीनियर बनाने वाले युवा शिक्षक आर के श्रीवास्तव को पाइथागोरस थ्योरम को सिद्ध करने के लिए ‘वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्डस लंदन’ में नाम हुआ दर्ज। इससे पहले भी नाईट क्लासेस हेतु आरके श्रीवास्तव का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स और गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में नाम मे दर्ज हो चुका है। 182 क्लास से अधिक बार पूरे रात लगातार 12 घण्टे शिक्षा देने हेतु आरके श्रीवास्तव का नाम इंडिया बुक ऑफ रिकार्ड्स में भी दर्ज हो चुका है। आपको बताते चले कि इसी वर्ष 15 मई को कॉमेडियन कपिल शर्मा का नाम भी वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स लंदन में दर्ज हुआ। सबसे अधिक देखे जाने वाले स्टैंडअप कॉमेडी शो हेतु कपिल शर्मा को वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स लंदन का सर्टिफिकेट प्राप्त हो चुका है। अब बिहार के आरके श्रीवास्तव को उनके शैक्षणिक कार्यशैली हेतु वर्ल्ड बुक ऑफ रिकार्ड्स लंदन ने सम्मानित किया।
तब किसे पता था कि अपनी छोटी से कुटिया में अपनी आर्थिक तंगी से त्रस्त आर के श्रीवास्तव ने पूरी लगन और निष्ठा से पढ़ाई कि और जब जिंदगी के मैदान में सफल हुए तो फैसला कर लिया कि अब गांव का कोई बच्चा पैसे के अभाव में पढ़ाई नहीं छोड़ेगा और उसे इंजीनियर बनाने के लिए खुद को समर्पित कर दिया। आज उसी का नतीजा है कि आर के श्रीवास्तव देश ही नहीं दुनिया के कोने-कोने में लोगों के बीच मैथेमैटिक्स गुरु के नाम से जाने जाते हैं।
कहते हैं प्रतिभा किसी परिचय का मोहताज नहीं होती है। बस उसे जरुरत है वक्त रहते फलक पर उतरने की और ऐसा ही हुआ इस बिहार के मैथेमैटिक्स गुरु के साथ, गांव के लोग इनकी लगन और निष्ठा को देखते हुए अपने बच्चों के लिए इन्हें किसी फरिस्ता से कम नहीं मानते हैं।  श्रीवास्तव इतना ही नहीं करते आर्थिक रुप से कमजोर बच्चों को अपनी जेब खर्च से पुस्तक और कॉपी तक मुहैया कराते हैं। आर के श्रीवास्तव अपनी कामयाबी का मूल मंत्र अपनी लगन और मेहनत को तो मानते ही हैं कहते हैं कि आज से पांच वर्ष पहले राज्यसभा सांसद आर के सिन्हा का भी स्नेह प्राप्त हुआ और देश के विभिन्न हिस्सों में खुद को सिद्ध करने का मौका मिला।

Post Top Ad