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भगवान सूर्य का आर्द्रा नक्षत्र में हुआ प्रवेश, बारिश के लिए है महत्वपूर्ण

पटना | अनूप नारायण :
22 जून, शनिवार को सूर्य भगवान का आर्द्रा नक्षत्र में प्रवेश हो गया है । इसे कई जगहों पर 'आर्द्रा चढ़ना' भी कहते हैं। ज्योतिष शास्त्र में मानसून और बारिश के लिए आर्द्रा नक्षत्र में सूर्य का प्रवेश बेहद महत्वपूर्ण माना जाता है। भारत कृषि प्रधान देश है और यहां खेती बहुत हद तक मानसून की चाल पर निर्भर रहती है। शनिवार को पटना में अच्छी वर्षा भी हुई है। सूर्य 15 दिनों तक आर्द्रा नक्षत्र में रहेंगे। उत्तर भारत में इस दौरान खीर, दाल-पूड़ी, सब्जी और आम का खाने की परंपरा है।

भारत उत्सवप्रधान देश है। आइए हम सब आर्द्रा के इस उत्सव में खीर, दाल-पूड़ी, सब्जी और आम खाकर इस लोक-संस्कृति का आनन्द लें।
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क्षेपक : आर्द्रा (अदरा) के चढ़ते ही क्रिकेट में अफनागिस्तान को हराकर भारत आज विश्वकप में अपनी विजय पताका फहराने के लिए एक सीढ़ी और उपर चढ़ चुका है। आइए इस भारत विजय का भी उत्सव मनाएँ।
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1) आर्द्रा - इस शब्द का अर्थ होता है 'नम' या 'गीला'। आर्द्रा एक तत्सम शब्द है जिसका तद्भव शब्द 'अदरा' होता है।
2) क्षेपक - मूल रचना में बाद में दूसरों के द्वारा जोड़े गए अंश। रामायण और रामचरितमानस की टीका में भी कई क्षेपक जोड़े गए हैं।