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पटना : चमकी बुखार से हो रही बच्चों की मौत को लेकर निकाला गया आक्रोश मार्च


पटना | अनूप नारायण :

मंगलवार को भारत जागरण मंच के द्वारा बिहार में लगातार मस्तिष्क ज्वर के कारण हो रही बच्चों की मौत को लेकर आक्रोश मार्च का आयोजन किया गया जो राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर गोलंबर से शुरू हो कारगिल चौक पहुच कर सभा में तब्दील हो गई।

इस अवसर पर समाजसेवी श्री देव कुमार सिंह ने कहा कि सरकार का रवैया बड़ा ही गैर जिम्मेदाराना है।बड़े बड़े कैंसर अस्पताल का दावा करने वाली सरकार आज एक छोटी सी बीमारी इसेफलिटिस(मस्तिष्क ज्वर) से भी निपटने में अछम है।उन्होंने नेताओं और पूजीपतियों के गठजोड़ से देश में चल रही शाषण व्यवस्था के ऊपर कडा़ प्रहार किया।

मौके पर समाजसेवी श्री संजय कुमार सिंह ने सरकार को घेरते हुए कहा कि यह देश भगवान भरोसे चल रहा है।किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए यहां जरूरी आधारभूत सुविधाओं का काफी अभाव है।

वहीं युवा राघव  ने कहा कि आज सत्ता का व्यापारीकरण हो चुका है और राजनीतिक दल एक प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के तरह कार्य कर रहे हैं।

इस अवसर पर मुकुल रंजन ने भारत के स्वास्थ्य मंत्री श्री हर्षवर्धन के 22 जून 2014 के वादे का जिक्र(100 बेड के अस्पताल) करते हुए कहा कि अगर वह वादा पूरा हो गया रहता तो आज यह नौबत नही आती। साथ में उन्होंने   यह सवाल उठाया कि आज डॉक्टरी की पढ़ाई इतनी महंगी क्यों है?

अजय दत्ता ने भी सवाल उठाया कि जब 1000 व्यक्ति पर एक डॉक्टर होना चाहिये तब बिहार जैसे बीमारियों से घिरे राज्य में हर डॉक्टर पर 3207 लोगो की सेवा का बोझ क्यों है?

श्री मनोज कुमार सिंह ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आखिरकार इन बच्चों के मौत का जिम्मेदार कौन है?