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गोवा : लम्बी बीमारी के बाद मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का निधन,केन्द्र सरकार ने की राष्ट्रीय शोक की घोषणा

गोवा (न्यूज़ डेस्क ~ शुभम कु. मिश्र & गुड्डू वर्णवाल) :
लंबी बीमारी के बाद गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का रविवार की शाम गोवा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में निधन हो गया। मनोहर पर्रिकर 63 साल के थे। पर्रिकर अग्नाशय कैंसर से पीड़ित थे। सीएमओ ने आज शाम ट्वीट कर मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की सेहत की हालत बेहद नाजुक होने की जानकारी दी थी। इस ट्वीट के कुछ ही देर बाद पर्रिकर के निधन की खबर आई।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार 18 मार्च 2019 (सोमवार) को मनोहर पर्रिकर को श्रद्धांजलि, शव यात्रा और अंतिम संस्कार का कार्यक्रम रखा गया है जो तकरीबन इस प्रकार से है.

9:30 AM से 10:30 AM: मनोहर पर्रिकर के पार्थिव शरीर को भारतीय जनता पार्टी के मुख्य कार्यालय पणजी में रखा जाएगा.

सुबह 10:30 बजे: मनोहर पर्रिकर के पार्थिव शरीर को कला अकादमी, पणजी में ले जाया जाएगा.

सुबह 11:00 बजे से शाम 04:00 बजे तक:  मनोहर पर्रिकर जी को अंतिम श्रद्धांजलि दिया जाएगा।

04:00 PM: एसएजी मैदान, कैम्पल के लिए शव यात्रा रवाना होगी.

04:30 PM: शव यात्रा विधी के एसएजी मैदान, कैम्पल पहुंचेगी.

05:00 PM: मनोहर पर्रिकर का अंतिम संस्कार किया जाएगा.

 पर्रिकर के निधन से पूरा देश शोकाकुल है। वहीं देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गहरी शोक व्यक्त करते हुए 18 मार्च यानी सोमवार को राष्ट्रीय शोक की घोषणा की है। राष्ट्रीय राजधानी, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की राजधानियों में राष्ट्रीय ध्वज झुका रहेगा। सोमवार को सुबह 10 बजे केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक भी बुलाई गई है.
गोवा के मंत्री विजय सरदेसाई ने शनिवार को मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर से मुलाकात की थी। मुलाकात के बाद उन्होंने संवाददाताओं से कहा था कि पर्रिकर का स्वास्थ्य बिगड़ा है लेकिन स्थिर बना हुआ है। सरदेसाई गोवा के पांच विधायकों के साथ पर्रिकर के निजी आवास पर उनसे मिलने पहुंचे थे। पर्रिकर से मिलने पहुंचे सभी विधायक राज्य की भाजपा सरकार के सहयोगी थे।
डोना पौला स्थित पर्रिकर के निजी आवास से निकलते हुए सरदेसाई ने संवाददाताओं से कहा था कि जब कैंसर का पता चला था तो मुख्यमंत्री ने पद छोड़ने की इच्छा जताई थी, उस वक्त हमने स्थाई समाधान और स्थिरता की मांग की थी।
बताते चलें कि एक साल से पार्रिकर अग्नाशय कैंसर से जूझ रहे थे।सबसे पहले वो 14 फरवरी 2018 को बीमार पड़े थे।उसके बाद उन्हें गोवा मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था।उसके बाद उन्हें मुंबई स्थित लीलावती अस्पताल ले जाया गया ।कुछ दिनों तक उनका इलाज अमेरिका में भी चला।पिछले साल 15 सितम्बर को उन्हें दिल्ली स्थित एम्स में भी इलाज हेतु ले जाया गया था।इलाज़ के बाद पार्रिकर 14 अक्तूबर को गोवा लौट आये थे, एवं 29 व 30 जनवरी 2019 को गोवा का बजट पेश किया था।अगले ही दिन पुनः उन्हें दिल्ली के एम्स में ले जाया गया था।वो पुनः 05 फरवरी को गोवा लौटे।

बताते चलें कि मनोहर पार्रिकर का जन्म 13 दिसम्बर 1955 को मपूषा, गोवा में हुआ था।वे बचपन से ही तेजतर्रार थे।उन्हें सरकार में पारदर्शी,कुशल व तेज निर्णय लेने का श्रेय दिया जाता है। वे आई आई टी मुंबई से पासआउट थे।वो देश के पहले ऐसे आई आई टीयन थे जो विधायक बनें।वो 2000 से 2005 तक पहली बार गोवा के मुख्यमंत्री बने।उसके बाद 2012 से 2014 तक फिर मुख्यमंत्री बने तत्पश्चात प्रधानमंत्री के आग्रह पर उन्होंने 2014 से 2017 तक  देश के रक्षामंत्री का पद संभाला।उन्हें उत्तरप्रदेश से राज्यसभा का सदस्य चुना गया था।वो बहुत ही सात्विक,व साधारण जीवन व्यतीत करते थे।रक्षामंत्री के दरम्यान उरी हमले के बाद प्रथम सर्जिकल स्ट्राइक करबाने,म्यामार में उग्रवादियों पर सर्जिकल स्ट्राइक,अगस्ता वेस्ट लैण्ड चाॅपर घोटाला की जांच,राफेल खरीदने  की डील आदि महत्वपूर्ण निर्णय उन्हीं के समय में लिये गये थे।
उन्हे पुनः14 मार्च 2017 को गोवा का मुख्यमंत्री बनाया गया था।पार्रिकर की सेहत बिगड़ने के बाद गोवा के डिप्टी स्पीकर सह भाजपा विधायक माइकल लोबो ने कहा था कि उनकी सेहत में सुधार होने की कोई संभावना नहीं है।उसके बाद ही कांग्रेस ने शनिवार को राज्यपाल मृदुला सिन्हा से मिलकर सरकार बनाने का दावा ठोक दिया था।
लोबो ने इस बैठक के बाद कहा था कि जब तक पार्रिकर हैं तब तक गोवा में लीडरशिप में कोई बदलाव नहीं किया जायेगा।वहीं दूसरी ओर भाजपा नेता दयानंद मंद्रेकर ने कहा था कि पार्रिकर की हालत को देखते हुए पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को गोवा के लिए जल्द फैसला लेने की आवश्यकता है.