पटना : पॉल्ट्री फार्म्स के किसानों के लिए तकनीकी संगोष्टी आयोजित - gidhaur.com : Gidhaur - गिद्धौर - Gidhaur News - Bihar - Jamui - जमुई - Jamui Samachar - जमुई समाचार

Breaking

Post Top Ad

Post Top Ad

Responsive Ads Here

गुरुवार, 14 फ़रवरी 2019

पटना : पॉल्ट्री फार्म्स के किसानों के लिए तकनीकी संगोष्टी आयोजित

पटना (अनूप नारायण) :
बुधवार को राजधानी पटना के मौर्या होटल में एडवांस्ड बायो-एग्रो टेक लिमीटेड द्वारा पोल्ट्री फॉर्म्स के लिए एक तकनीकी संगोष्टी का आयोजन किया गया. बिहार के पोल्ट्री किसानों द्वारा एवियन इम्युनिटी, रोग प्रबंधन से सम्बंधित एक प्रमुख फोकस के साथ प्रमुख चुनौतियों का सामना करने पर सेमिनार का आयोजित किया गया था. श्री प्रवीन जायसवाल (एवीपी, बिक्री व तकनीकी) डॉ आनंद खांडवेकर (जीएम प्रौधौगिकी और उत्पाद विकास) डॉ एमएम पाठक (जीएम तकनीकी) श्री असीस चट्टोपाध्याय और जीएम तिवारी ने एबीटीएल टीम का प्रतिनिधित्व किया.

ABTL में श्री प्रवीन जायसवाल ने पोल्ट्री किसानों का स्वागत भाषण दिया और कंपनी के बारे में बताया. श्री जायसवाल ने कहा कि ABTL एक एंजाइम और पोषण प्रौधौगिकी कम्पनी है. ओर न केवल देश मे बल्कि दक्षिण-पूर्व एशियाई बाजारों में भी पशु आहार उधोग के लिए अग्रिम उत्पादों व तकनीकी सेवाओं की पेशकश करती है. उन्होनें कहा कि ABTL में पशु आहार पोषण, कृषि और डेयरी उधोगों के लिए अच्छा मूल्य देने के लिए विज्ञान में वर्तमान अनुशंधान और विशेषताओं के साथ एंजाइम प्रौधोगिकी, पशु-पोषण के गहन ज्ञान को जोड़ती है. कम्पनी स्वदेसी रूप से मुर्गी पालन और डेयरी जैसे उधोगों के लिए एंजाइम आधारित समाधान विकसित, निर्माण और विपणन करती है.
डॉ आनंद खांडवेकर ने एक तकनीकी सत्र प्रस्तुत किया, जिसमे पूरे भारत मे पोल्ट्री फार्म में इम्यूनस्प्रोसेसिव बीमारियों के वर्तमान परिदेश पर चर्चा की गई. वंही पोल्ट्री फार्म के संचालक में वृद्धि और उत्पाद बढ़ाने में एवियन इम्युनिटी का महत्व बताया गया. डॉ आनंद ने पक्षियों की प्रतिरक्षा और अंत के स्वास्थ्य को उतेजित करने में प्रणालीगत एंजाइम आधारित इम्युनोमोडूलतेर द्वारा निभाई गई महत्पूर्ण भूमिका निभा सकती है. डॉ एमएम पाठक ने acites रोकथाम ओर नियंत्रण के लिए एक विशेष सन्दर्भ के साथ बॉयलर खेती में जोरदार के मुद्दे पर चर्चा की.
ABTL द्वारा आयोजित तकनीकी संगोष्ठी को एक अच्छी प्रतिक्रिया मिली क्योंकि इसमें पूरे पटना ओर इसके आसपास के क्षेत्रों में 100 से अधिक मुर्गी पालन करने वाले किसानों ने भाग लिया. जिसमे बॉयलर, ब्रीडर और लेयर सैगमेंट शामिल थे. संगोष्ठी के दौरान आयोजित तकनीकी चर्चा से स्थानीय मुर्गी पालन करने वाले किसान समुदाय को इम्यूनोपरेशन , तनाव से सम्बंधित समस्याओं से निपटने और उच्च विकास और उत्पादकता हासिल करने में मदद मिलेगी.

Post Top Ad