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Friday, 30 November 2018

चकाई : बामदह में नक्सली पोस्टर पाए जाने से मची अफरातफरी

चकाई/जमुई (गुड्डू वर्णवाल) : चकाई के चंद्रमण्डीह थाना क्षेत्र अंतर्गत बामदह बाजार में गुरुवार की सुबह कथित नक्सली पोस्टर पाए जाने से अफरातफरी मच गई। उक्त पोस्टर बामदह बाजार के प्रोन्नत मिडिल स्कूल के सामने की दीवार पर चिपकाये गये थे। अहले सुबह निकटवर्ती लोगों ने दीवार पर पर्चा चिपका देखा।

धीरे-धीरे यह खबर पूरे बामदह बाजार में फैल गई। स्थानीय युवकों को सजा देने की बात पोस्टर में पढ़ते ही लोगों में दहशत वयाप्त हो गया। स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना चन्द्रमंडीह थाना को दी। सूचना के 2 घंटे बाद चन्द्रमंडीह थानाध्यक्ष रंजीत कुमार अन्य पुलिस पदाधिकारियों के साथ दलबल सहित मौके पर पहुंचे जिसके बाद पोस्टर को हटाया गया।

स्कूल की दीवार में चिपकाये गये एक अन्य पोस्टर में पार्टी के खिलाफ लड़ने वाले मनीष मोदी, अमित साह, मुन्ना केशरी एवं पीओ उर्फ पवन को जन अदालत में हाजिर करने की बात लिखी गई है। दूसरे में चारों युवकों को जन अदालत में सजा देने और तीसरे पोस्टर में उन चारों युवकों को सामंत एवं दबंग बताते हुए कब्र देने की बात लिखी गई है।

सभी पोस्टरों के नीचे में निवेदक माओवादी लिखा हुआ है। चिपकाये गए सभी पोस्टर हाथ से लिखे गए हैं। इस बाबत पूछे जाने पर थानाध्यक्ष ने बताया कि यह नक्सली पोस्टर नहीं है। बल्कि यह शरारती तत्त्वों की करतूत है। उन्होंने कहा कि मनीष बर्णवाल का एक दिन पूर्व बामदह के एक वार्ड सदस्य से विवाद भी हुआ था। यह घटना उससे भी जुड़ी हो सकती है। मामले की गहनता से जांच की जा रही है।

बता दें कि जमुई जिला के कई प्रखंडों में नक्सली जन अदालत लगाकर सजा दे चुके हैं। हालांकि मारपीट किए जाने का मामला गांव से बाहर नहीं आ पाता है। चरकापत्थर के जंगली इलाकों में कई बार जन अदालत लगाने की बात भी सामने आई है। बरहट के कुंवरतरी में नक्सलियों ने जन अदालत लगाकर एक ही परिवार के तीन लोगों की हत्या कर दी थी।

इन घटनाओं के बाद नक्सली संगठन द्वारा छोड़े गए पर्चे में पुलिस मुखबिरी के कारण सजा देने की बात कही गई थी। बीते वर्ष 13 जुलाई को नक्सलियों ने ब्रहमदेव कोड़ा की पत्नी मीना देवी, उनके दो बेटों शिवा और बजरंगी को पत्थर से कुचलकर मार डाला था। बरहट के कुकरझप डैम के करीब से पुलिस ने लाश बरामद की थी। चकाई के बामदह में ही नक्सलियों ने दो व्यवसाइयों को जन अदालत लगाकर मौत की सजा दी थी।

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