पटना (अनूप नारायण)
: शुक्रवार को डाईबिटीज ड्राईव के तहत चर्चित चिकित्सक लायन डॉ राणा एस पी सिंह (लाएंस क्लब 322E को डिष्ट्रिक चेयर पर्सन-हेल्थ एंड हाईजीन) लाएंस क्लब पटलीपुत्र आस्था के डाईबिटीज जागरुक्ता के तहत बुद्धा कोलोनी मे आम जनता को बिमारी से बचने का उपाय और हैंड बिल बाटते हूए डा राणा एस पी सिंह ने कहा कि डायबिटीज एक गैर-संचारी रोग है, लेकिन यह आम जनता के स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बन चुका है। पहले औसतन 6000 मरीज आते थे, लेकिन 5-7 वर्षों में यह संख्या सालाना 10000 के आंकड़े पर पहुंच गई है। इनमें से 5000 नए मरीज होते हैं। बीमारी के बारे में ऐसे में मरीजों में जागरूकता बेहद कम रहती है। लोग डायबिटीज की विभिन्न अवस्थाओं के बारे में नहीं जानते हैं। यदि महिला डायबिटीज से पीड़ित है तो उस स्थिति में गर्भस्थ शिशु और मां दोनों के लिए खतरे की बात होती है। ऐसे में गर्भपात की आशंका बढ़ जाती है। यदि गर्भ में बच्चा पूर्ण विकसित हो जाता है तो प्रसव के दौरान बच्चों का आकार सामान्य से बड़ा होने की स्थिति में सर्जरी ही डिलिवरी का एकमात्र विकल्प होता है।
: शुक्रवार को डाईबिटीज ड्राईव के तहत चर्चित चिकित्सक लायन डॉ राणा एस पी सिंह (लाएंस क्लब 322E को डिष्ट्रिक चेयर पर्सन-हेल्थ एंड हाईजीन) लाएंस क्लब पटलीपुत्र आस्था के डाईबिटीज जागरुक्ता के तहत बुद्धा कोलोनी मे आम जनता को बिमारी से बचने का उपाय और हैंड बिल बाटते हूए डा राणा एस पी सिंह ने कहा कि डायबिटीज एक गैर-संचारी रोग है, लेकिन यह आम जनता के स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा बन चुका है। पहले औसतन 6000 मरीज आते थे, लेकिन 5-7 वर्षों में यह संख्या सालाना 10000 के आंकड़े पर पहुंच गई है। इनमें से 5000 नए मरीज होते हैं। बीमारी के बारे में ऐसे में मरीजों में जागरूकता बेहद कम रहती है। लोग डायबिटीज की विभिन्न अवस्थाओं के बारे में नहीं जानते हैं। यदि महिला डायबिटीज से पीड़ित है तो उस स्थिति में गर्भस्थ शिशु और मां दोनों के लिए खतरे की बात होती है। ऐसे में गर्भपात की आशंका बढ़ जाती है। यदि गर्भ में बच्चा पूर्ण विकसित हो जाता है तो प्रसव के दौरान बच्चों का आकार सामान्य से बड़ा होने की स्थिति में सर्जरी ही डिलिवरी का एकमात्र विकल्प होता है।