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गुरुवार, 4 अक्टूबर 2018

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, एक्स्ट्रा मैरिटल अफेयर अब जुर्म नहीं

पटना (अनूप नारायण) : बीते गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट ने आईपीसी की धारा 497 पर ऐतिहासिक फैसला दिया। शादी के बाद के संबंधों को अपराध बनाने वाली इस धारा को कोर्ट ने रद्द कर दिया। यानी अब शादी के बाद संबंध बनाना जुर्म नहीं रह गया। बता दें कि इस धारा के तहत अब तक संबंध बनाने वाले पुरुष को ही सजा मिलती थी।

महिला इसमें दोषी नहीं मानी जाती थी। संबंधित महिला के पति की शिकायत पर ही मामला दर्ज होता था। इसमें एक तरह से असमानता थी। कोर्ट ने इस धारा को ही रद्द कर दिया है। हमने मप्र हाईकोर्ट के एडवोकेट संजय मेहरा से बात कर जाना कि आखिर इसका क्या असर होगा और कोई पति या पत्नी ऐसा करते हैं तो उनके पार्टनर को क्या करना होगा।

तलाक का हो गया बड़ा अधिकार
एडवोकेट मेहरा के मुताबिक, इस बदलाव के बाद अब कोई भी पार्टनर किसी दूसरे के साथ संबंध बनाता है तो दूसरा पार्टनर उससे तलाक ले सकेगा। अब यह तलाक का एक बड़ा आधार हो गया है। सुप्रीम कोर्ट ने भी इसे सिविल नेचर का माना है। कोर्ट ने कहा कि यह 150 साल पुराना कानून है। मौजूदा समय में इसकी कोई प्रासंगिकता नहीं रह गई। यदि कोई रिलेशन में है तो उसे तलाक के लिए जाना चाहिए। औरतें भी स्वतंत्र निर्णय ले सकती हैं। अगर किसी की शादीशुदा जिंदगी खराब चल रही है तो वह तलाक ले सकता है।
ऐसे मामलों में रिपोर्ट नहीं की जाती थी
एडवोकेट मेहरा ने बताया कि, शादी के बाद के संबंधों के मामलों में रिपोर्ट बहुत कम होती है क्योंकि इसमें परिवार की इज्जत, समाज, मान-सम्मान को देखा जाता है। यह संबंध लुक-छुपकर ही बनाए जाते रहे हैं। ऐसा होने पर अधिकतर दूसरे केस लग जाते थे क्योंकि पता चलने पर लड़ाई-झगड़ा होता था।

कई हत्याएं भी इसके चलते हुई हैं। अब किसी का कहीं और संबंध है तो वह अपने पार्टनर से तलाक ले सकता है या पार्टनर ऐसा होने पर तलाक दे सकता है।

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