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महालया आज, माँ दुर्गा का होगा आगमन, जानें क्यूँ है ख़ास


गिद्धौर/धर्म एवं आध्यात्म [अपराजिता] : नवरात्रि के ठीक पहले जो अमावस्या होती है उसे ही महालया कहते हैं. महालया की सुबह पितरों की विदाई की जाती है और शाम में 'माता' कैलाश पर्वत से पृथ्वी लोक के लिए विदा होती हैं. इस दिन माँ दुर्गा के साथ भगवान गणेश, कार्तिकेय, देवी लक्ष्मी, माँ सरस्वती सभी धरती पर आते हैं. उनके आगमन के लिए पृथ्वी पर रह रहे उनके भक्त अपने-अपने घरों में और मंदिरों में ख़ास तैयारी कर के रखते हैं.

वैसे तो महालया बंगालियों का त्यौहार है लेकिन पूरा देश इसे धूमधाम से मनाता है. एक मान्यता यह भी है कि महिषासुर से रक्षा के लिए माँ भगवती को देवताओं ने इसी दिन बुलाया था. इस साल महालया 8 तथा 9 अक्टूबर को है. 8 अक्टूबर के सुबह 11:31 बजे से 9 अक्टूबर की सुबह 9:16 बजे तक अमावस्या की तिथि है.

सर्व्मंगाल्मंगाल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके।
शरण्ये त्रयम्बके गौरी, नारायणी नमोस्तुते।।
 इस श्लोक में सभी के कल्याण हेतु माँ को नमन किया जाता है . इस श्लोक का अर्थ है सभी का मंगल करनेवाली देवी, सभी को शरण देनेवाली तिन नेत्रों और अत्यंत सुन्दर नारायणी! हम आपको नमन करते हैं. यह मन्त्र अब चरों दिशाओं में गूंजेगा. दुर्गापूजा महालया के दिन से ही शुरू हो जाती है.महालया हमारे जीवन में सुख, समृद्धि और उन्नति लेकर आता  है.  देवी माँ आपकी भी मनोकामना पूर्ण करे.