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सोमवार, 15 अक्टूबर 2018

जे जत्ते पार्टी बदललक उहे नेता पक्का हो, देखहो-देखहो कक्का हो...


अनूप नारायण (मंसुरचक/बेगूसराय)
: "देखहो देखहो कक्का हो,जे जत्ते पार्टी बदललक उहे नेता पक्का हो" जैसी हास्य कविता से जब मिथिलांचल के प्रसिद्ध हास्य कवि सीताराम शेरपुरी ने शनिवार को प्रखंड क्षेत्र के हवासपुर पश्चिम मध्य विद्यालय के सभागार में "मानकी संगीत कला केंद्र" द्वारा आयोजित सर्वभाषा कवि सम्मेलन की शुरुआत की तो लोग वाह वाह कर उठे।मौका था मंसुरचक प्रखंड के 23 वर्षों में पहली बार अयोजित प्रखंड स्थापना दिवस का जहाँ कई नामचीन कवियों का समागम हुआ था।कार्यक्रम की अध्यक्षता केंद्र के निदेशक अजय अनंत एवम संचालन दिनकर फिल्मसिटी के कार्यकारी निर्माता राकेश कुमार महंथ ने की जबकि उद्घाटनकर्ता के रूप में मिथिलांचल के लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकार चाँद मुसाफ़िर,बिहार सिने आर्टिस्ट एसोसिएशन के संस्थापक अध्यक्ष अभिनेता अमिय कश्यप, पूर्व प्रधानाध्यापक विवेकानंद शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार अवधेश कुमार झा आदि मौके पर उपस्थित थे।मुख्य अतिथि के रूप में विवेकानंद शर्मा ने कहा कि 23 वर्षों में पहली बार प्रखंड का स्थापना दिवस मनाया जाना सुखद अनुभूति है और इसकी निरंतरता बनी रहे ऐसी कामना है।उन्होंने सांस्कृतिक क्षेत्र में कला केंद्र कार्यों की सराहना की।

उक्त अवसर पर चाँद मुसाफ़िर ने अपनी कविता "सामने में ख़ूब करते हैं प्रशंसा आपकी,किन्तु सूने में गिला वे ही गिनाते आजकल" से समाज की परिस्थितियों पर व्यंग्य किया तो सरायरंजन डिग्री कॉलेज के हिंदी के अध्यापक अवधेश झा ने अपनी कविता "कृपा करू माता दया करू जननी,ददिय एत्तेक माँ ज्ञान।बना दिय भारत के फेर सं महान" सुनाकर नवरात्र के मौके पर समाज के कल्याण की आराधना की तो दूसरी ओर युवा कवि कुमार अमरेश ने "चल चल पाकिस्तान मिटा दें,आतंकवादी की जन्मभूमि का विश्वपटल से नाम मिटा दें" जैसी ओजपूर्ण कविता सुनाकर खूब तालियां बटोरी।मौके पर अभिनेता रंजीत गुप्त,निर्देशक अरविंद पासवान,पंकज पराशर, विपिन कुमार,अभिषेक कुमार आदि सहित दर्ज़नों लोग थे।

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