घर में तस्वीरें उतारते हुए आशुतोष बन गए बिहार के चर्चित सिनेमैटोग्राफर



(पटना)   अनूप नारायण
   : कहते हैं कि 'दिल में अगर कुछ कर गुजरने की तमन्ना हो तो तमाम मुश्किलों के बावजूद इंसान अपनी मंजिल को प्राप्त कर लेता है' इस कहावत को वास्तविकता के धरातल पर अक्षरशः  सत्य सिद्ध कर दिखलाया है बिहार के उभरते युवा सिनेमैटोग्राफर आशुतोष कुमार ने|
मूल रूप से बिहार के नवादा जिले के नरहट प्रखंड के गोवासा गांव निवासी आशुतोष के पिता मिथिलेश कुमार इन्हें  प्रशासनिक पदाधिकारी बनाना चाहते थे। आशुतोष की प्रारंभिक शिक्षा दिक्षा कोलकाता में हुई फिर उन्होंने पंजाब टेक्निकल यूनिवर्सिटी से मास कम्युनिकेशन का कोर्स किया तथा दून से पीजी। फोटोग्राफी का शौक बचपन से ही था। घरेलू कार्यक्रम जब होते थे और ये ही तस्वीरें उतारते थे,उनकी तस्वीर की तारीफ होती थी। 

मासकौम कोर्स करते हुए ज़ी न्यूज़ से इंटर्नशिप किया बतौर सिनेमैटोग्राफर पहली डॉक्युमेंट्री फिल्म गायत्री परिवार का निर्माण किया।स्ट्रगल भी चलता रहा दूरदर्शन और कई राष्ट्रीय चैनलों के लिए इन्होंने काम किया विधान सभा लाइव जो मल्टीकैम से करना था| इनके जीवन की सबसे यादगार घटना है। भोजपुरी फिल्म वीडियो साहब बांग्ला फिल्म राजस्थानी बंगाली टीवी सीरियल बिग बहुरिया राग चुनावी जोगीरा सा रा रा खिचड़ी पर्व और बिग गंगा चैनल के लिए दर्जन भर से ज्यादा कार्यक्रमों को शूट किया। आशुतोष मुंबई की जगह बिहार में रहकर ही अपना करियर बनाना चाहते हैं बतौर कैमरामैन राष्ट्रीय स्तर तक अपनी पहचान बना चुके| 

आशुतोष संप्रति बिग गंगा चैनल को अपनी सेवाएं दे रहे हैं जो जी नेटवर्क का हिस्सा है| आशुतोष कहते हैं कि अगर आपके अंदर टैलेंट है तो आपको एक न एक दिन मंजिल जरूर मिलेगी।

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