जमुई जिला के सेवा पंचायत को खुद है सेवा की दरकार, पढ़िए ग्राउंड रिपोर्ट - gidhaur.com : Gidhaur - गिद्धौर - Gidhaur News - Bihar - Jamui - जमुई - Jamui Samachar - जमुई समाचार

Breaking

Post Top Ad - Contact for Advt

Post Top Ad - SR DENTAL, GIDHAUR

सोमवार, 14 जनवरी 2019

जमुई जिला के सेवा पंचायत को खुद है सेवा की दरकार, पढ़िए ग्राउंड रिपोर्ट

[न्यूज डेस्कअभिषेक कुमार झा]
सूबे के मुखिया बिहार में विकास की बयार बहने की बात करते हैं, परन्तु ग्रामीण क्षेत्रों में आज भी कुछ जगहों पर विकास की बात बेमानी सी लगती है। इसका ताजा-तरीन उदाहरण जमुई जिले के गिद्धौर प्रखंडांतर्गत सेवा पंचायत में देखा जा सकता है। इस पंचायत का सूरत-ए-हाल उक्त कथन के आशय को स्पष्ट करती है।



-सेवा पंचायत का क्या है दृश्य-
आंकडे के अनुसार, गिद्धौर प्रखंड की तकरीबन 14% आबादी सेवा पंचायत में निवास करती है। सेवा, एक ऐसा पंचायत जहां विकास के दौर में आज भी यहां की स्थिति बदतर है और लोग नारकीय जीवन जीने को विवश हैं।
गिद्धौर प्रखंड के पूर्व दिशा में स्थित सेवा पंचायत का आलम यह है कि यहां तक पहुंचने के लिए न तो संतुष्टिजनक सड़क है और न ही व्यवस्थित नाली व गली का निर्माण हुआ है। पिछले कई सालों से गांव की गलियों में नाले का पानी जमा रहता है। सेवा पंचायत के ग्रामीणों को कमी तो इस बात की खलती है कि चुनावी मौसम के बाद इस गांव की ओर ना तो अधिकारी देखते हैं और न ही कोई जनप्रतिनिधि।



नाली का पानी, जलजमाव, गंदगी, बदहाली के अलावे सेवा पंचायत के सड़क की स्थिति भी ठीक नहीं है, बताया जाता है कि गड्ढे के रूप में तब्दील सड़क के निर्माण के लिए कई बार अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का ध्यान आकृष्ट कराया जा चुका है, लेकिन प्रतिनिधियों के कानों में जूं तक नही रेंगते।
सड़क निर्माण की दिशा में संवेदनहीनता के चलते लोगों को  गिद्धौर रेलवे स्टेशन, हाॅस्पीटल, बाजार व मुख्यालय तक के महज तीन किलोमीटर की दूरी तय करना भी मुश्किल लगता है।

-नाली के गंदे पानी से होकर स्कूल जाते हैं बच्चे-
सेवा के बच्चों को आंगनबाड़ी केंद्र जाना हो या स्कूल, गंदे पानी से होकर ही जाना पड़ता है।
पानी निकासी की सही व्यवस्था का न होना और जलजमाव की स्थिति के कारण अभिभावक अपने छोटे बच्चे को गोद में लेकर कीचड़ पार कराते हुए देखे जाते हैं। गंदगी का यह आलम सेवा पंचायत के आधी आबादी को अक्सर बीमारियों से पूरी तरह घेर रखता है। गिद्धौर प्रखंड के इस छोटे से गांव में अधिकतर किसान और मजदूर रहते हैं, जिसके आमदनी की मोटी रकम कुव्यवस्था से हो रहे बीमारी पर ही खर्च हो जाती है।



-मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजना में भी अनियमितता -
बिहार सरकार के सात निश्चय योजना में गांव का विकास भी सम्मिलित है। जनप्रतिनिधियों द्वारा लगातार सात निश्चय योजना से सेवा पंचायत की तस्वीर बदलने की बात कही गई थी, पर अभी भी संतोषजनक आउटकम नहीं मिल सका है।

हलांकि सात निश्चय योजना के तहत सेवा पंचायत में कई तरह के कार्य हुए हैं पर अभी भी सेवा पंचायत के कुछ हिस्से में हर-घर नल योजना का लाभ नहीं मिल पा रहा है । कहीं कहीं शौचालय जमीन पर बने हैं तो कहीं-कहीं कागजों पर ही निपटारा कर दिया गया है।



यूं तो ग्रामीण अपने इस पंचायत को विकासशील बनाने के लिए जनप्रतिनिधियों से कई प्रकार के उम्मीद रखती है, पर उनके उदासीन रवैये के कारण इस पंचायत के विकास पर विराम लगा हुआ है। यदि जनप्रतिनिधियों द्वारा सेवा पंचायत के विकास में सार्थक पहल कर पंचायत की जरूरतों को पूरा किया जाए तभी बदहाली की दास्तां ब्यां करने वाले इस पंचायत के तस्वीर में कुछ बदलाव देखी जा सकेंगी ।

Post Top Ad -