पटना (अनूप नारायण) : अब सभी दवाओं की कीमत सरकार तय करेगी। अभी सिर्फ जीवन रक्षक दवाओं की कीमत सरकार तय करती है। नीति आयोग ने इस बारे में एक प्रस्ताव तैयार किया है। जल्द ही इस प्रस्ताव को सरकार के पास भेजा जायेगा।
सरकार की मंशा लोगों को उचित मूल्य पर दवा उपलब्ध कराना है। सरकार चाहती है कि ट्रेड मार्जिन के आधार पर दवाओं के दाम कंट्रोल किए जायें। बाजार में कई ऐसी दवाएं हैं, जिनकी कीमत लागत मूल्य के कई गुना ज्यादा है। मनमाने दाम पर बेच कर कंपनियां बहुत ज्यादा मुनाफा कमा रही हैं। दवा कंपनियों की इस मनमानी को समाप्त करने के लिए नीति आयोग और स्वास्थ्य मंत्रालय ने मिल जुलकर फार्मूला तैयार किया है। अगर कैबिनेट इसे मंजूर कर देती है, तो फिर पूरे देश में इसे लागू कर दिया जाएगा।
नीति आयोग दवाओं की कीमत को बिक्री की पहली जगह पर ही ट्रेड मार्जिन तय करना चाहती है। सरकार को लगता है कि ऐसा करने से दवा बनाने वाली कंपनियों और अस्पतालों की मुनाफाखोरी पर लगाम लगेगी और मरीजों को मुफीद दर पर दवाएं मुहैया की जा सकेगी।
दवाओं की कीमत निर्धारित करने वाली संस्था एनपीपीए सिर्फ जीवनरक्षक दवाओं की कीमत निर्धारित करती है। देश में दवाओं का घरेलू उद्योग करीब 1 लाख करोड़ का है जिसका सिर्फ 17 फीसदी ही कीमत नियंत्रण के दायरे में है।
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