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बांका : शिक्षक संघ की बैठक में सरकारी नीति का किया विरोध

  
 [ धोरैया(बांका) | रमन सिंह ]

बिहार पंचायत  प्रारंभिक शिक्षक संघ  की एक बैठक बुधवार को प्रखंड के उर्दू मध्य विद्यालय बिसनपुर में आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता संकुल समन्वयक कुर्मा मो. मंजूर आलम ने की। बैठक में  जिला संयोजक पंकज कुमार ने कहा कि 31 जुलाई को समान काम का समान वेतन की आखिरी लड़ाई सुप्रीम कोर्ट में तय है। यदि इस बार राज्य सरकार किसी प्रकार की बेईमानी करती है तो आगामी लोकसभा व विधानसभा चुनाव में सरकार को हार का मुंह देखना पड़ेगा। क्योंकि बिहार के चार लाख नियोजित शिक्षक समान काम का समान वेतन को लेकर एक मुद्दे पर हैं।
 गुलफराज आलम ने कहा कि यदि सरकार नियोजित शिक्षकों के हित में कार्य नहीं करेगी तो पुन: वर्ष 2015 की तरह ही राज्य के 74 हजार विद्यालयों में एक साथ तालाबंदी कर दिया जाएगा। वहीं मुकेश कुमार  ने सरकार की नीति व नियत पर संदेह जाहिर किया है। उन्होंने बताया कि बिहार सरकार नियोजित शिक्षकों के विरूद्ध सुप्रीम कोर्ट में तीन - तीन वरिष्ठ वकील रखकर सरकारी कोष का दुरूप्रयोग कर रही हैं। साथ ही उन्होंने बताया कि सरकार ने स्वीकारा था कि उच्च न्यायालय का आदेश को माना जाएगा। लेकिन सरकार विगत दस वर्षों से शिक्षक और शिक्षा को तार-तार कर दिया है। सरकार के इस नीति का संघ जोरदार विरोध करती है।
 
          प्रखंड कार्यकारिणी का गठन 

सर्वसम्मति से बिहार पंचायत प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रखंड कार्यकारिणी का गठन किया गया। जिसमे कि कुर्मा संकुल से मो. मंजूर आलम,हिरंबी संकुल से तस्नीम अहमद, रविशंकर कुमार, अब्दुल हसीब, मो. अरशद, बिसनपुर संकुल से मो. गुलफराज आलम, मो. एजाज, मो. हुसैन आजाद, पटवा-श्रीपाथर से मो. इक़बाल, मो. मेराज, को नामित किया गया।
इसके अलावा बैठक में संघ का नया रजिस्ट्रेशन नंबर प्राप्त होने पर हर्ष जताया गया।  जिलासंयोजक ने कहा कि नया रजिस्ट्रेशन नंबर मिलने से राज्य के चार लाख नियोजित शिक्षकों को लाभ हुआ है। बैठक में दक्षता संवर्धन एवं सेवंथ पे एरियर पर भी चर्चा की गयी। मौके पर अशफाक आलम के अलावे दर्ज़नों की संख्या में शिक्षक  मौजूद थे।