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शनिवार, 30 जून 2018

कौन है वो जिन्हें राहुल गांधी की सूरत देखना भी नहीं है पसंद!!

Gidhaur.com:(व्यक्तित्व):- राहुल गांधी एक ऐसा नाम जो हरदिन नए नए सुर्खियों में छाए रहते हैं,जो युवाओं के लिए एक प्रतिबिंब की तरह नज़र आते है,कथित भावी प्रधानमंत्री से सम्बोधित किये जाते हैं,जिनका ओहदा और व्यक्तित्व कभी सवालों से घिरे रहते हैं तो कभी कांग्रेस को एक सुपरमैन की तरह प्रस्तुत करते हैं,कांग्रेस की डूबती हुई नैया के खेवैया हैं ।राहुल गांधी जो भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष हैं साथ ही
भारतीय युवा कांग्रेस के सभापति,नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ़ इंडिया(NSUI) के सभापति भी हैं।इतने ओहदेदार व्यक्तित्व के बाद भी ऐसा कौन सा व्यक्ति है जिसे राहुल गांधी की सूरत तक पसन्द नहीं है तो हम आपको बता दें की वो व्यक्ति हैं। गायत्री परिवार के मुखिया डॉक्टर प्रणव पांड्या जिन्हें कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी की शक्ल तक अच्छी नहीं लगती।

क्या है मामला-
राजनीतिक घमाशान 2019 को लेकर तमाम पार्टी अपनी दांव पेच खेल रही है। अपने वोट बैंक को बढ़ाने को लेकर सभी साम,दाम,दंड,भेद का पुरजोर इस्तेमाल कर रही है।
हाल ही में अमित साह पांड्या से मिलने गए थे जहाँ उनका अच्छा स्वागत हुआ था लेकिन जैसे ही मुद्दा 2019 चुनाव को लेकर घूमा और अमित साह ने गायत्री परिवार से बीजेपी को  समर्थन देने का प्रस्ताव रखा, डॉक्टर पांड्या ने इस प्रस्ताव को नामंजूर कर सिरे से खारिज़ कर कहा की मैं कोई फतवा जारी नहीं कर सकता की सब मान जाएं हालाँकि उन्होंने यह भी कहा की वह अपने समर्थकों से अपने विवेक से वोट देने का सन्देश दूंगा।

मौके पर चौका--
गायत्री परिवार का बीजेपी को समर्थन न देने की बात जैसे ही सामने आया कांग्रेस ने जाल बिझाना शुरू कर दिया,ऐसा माना जा रहा है की कांग्रेस के नेता जल्द ही गायत्री परिवार से सम्पर्क करने की कोशिश कर सकता है,क्योंकि सवाल प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष 40 करोड़ वोट का है।

बदला सुर साधा निशाना-
लेकिन एक बार फिर संघ प्रमुख मोहन भागवत से मिलने के बाद डॉक्टर पांड्या का सुर और मिज़ाज दोनों बदल गया,तेवर ऐसा की कांग्रेस अध्यक्ष को लेकर विवादित बयानबाजी भी कर दी,
उन्होंने इतना तक कह दिया की
राहुल गांधी की शक्ल तक उन्हें पसन्द नहीं है अगर वो मिलने आते हैं तो एक आम इंसान की तरह मुलाकत होगी,वह बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की तरह उनका स्वागत नहीं करेंगे। अगर राहुल गांधी मिलना ही चाहते हैं तो एक आम आदमी की तरह लाइन में लगकर मुलाक़ात करें।

क्या कहता है इशारा-
कहते हैं इंसान के लिए इशारा ही काफी होता है अब शायद ही ऐसी बात सुन कर राहुल उनसे मिलने जाएँ और समर्थन की कोई उम्मीद रखें लेकिन एक इशारा जो मोहन भागवत से मिलने के बाद स्वागत की बात कर के स्पष्ट कर दिया की अब उनकी नाराज़गी बीजेपी को लेकर ख़त्म हो गयी है और कहीं न कहीं झुकाव बीजेपी की तरफ हुआ है। शायद बीजेपी को अब उम्मीद जगी है की गायत्री परिवार के एक इशारों पर उन्हें करोड़ों वोट मिल सकते हैं जो 2019 चुनाव का किला फतह करने में सबसे बड़ा ब्रह्मास्त्र का काम कर सकता है। शायद यही कारण रहा होगा की शाह के तुंरत बाद मोहन भागवत की मुलाकात होती है क्योंकि बीजेपी जानती है उनसे नाराज़ होने की ज़हमत घाटे का शौदा हो सकता है।इसलिए मुलाक़ातों का शिलशिला जारी रहा।

रवि मिश्रा
30.06.2018

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