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मंगलवार, 3 अप्रैल 2018

पागल लड़की का किरदार निभाना चाहती हूं: रानी चटर्जी

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Gidhaur.com (मनोरंजन) : भोजपुरी हीरोइनों में सर्वाधिक मेहनताना लेने वाली रानी चटर्जी अपने करियर से किन बातों पर खुश और किन पर असंतुष्ट हैं, आइए जानते हैं Gidhaur.com के लिए हमारे वरिष्ठ संवाददाता अनूप नारायण के साथ हुई उनकी इस बातचीत में :

अब तक आप कितनी फिल्में कर चुकी हैं?
मैंने अब तक गिनी नहीं है, लेकिन अंदाजा से कह सकती हूं कि सौ से ज्यादा फिल्में कर चुकी हूं और लगातार काम कर रही हूं।

क्या आपको अपनी पहली फिल्म याद है?
ऑफकोर्स, मेरी पहली फिल्म मनोज तिवारी जी के साथ थी, जिसका निर्देशन अजय सिन्हा ने किया था। वह भोजपुरी सिनेमा की अब तक की सबसे बड़ी हिट फिल्म है। मुझे संदेह है कि उसका रिकॉर्ड कोई दूसरी फिल्म तोड़ पाएगी! उस फिल्म के हिट होने के साथ ही भोजपुरी सिनेमा एक बड़ी और लगातार काम करने वाली फिल्म इंडस्ट्री जैसा बन गया। वह मेरा लक है।

इतनी अधिक फिल्में करने के बाद कोई कमी या कुछ असंतुष्टि-सी लगती है?
एक्ट्रेस के तौर पर तो बेशक संतुष्टि नहीं है। कुछ नया और हटकर करने की चाह में अब थोड़ी चूजी हो गई हूं। लेकिन मेरी यह सोच देखकर लोग पूछने लगे हैं कि क्या मैं इंडस्ट्री छोड़ने वाली हूं। सौ से ज्यादा फिल्में करने के बाद क्या मुझे वही रुटीन फिल्में करनी चाहिए? कॉलेज गर्ल बनी हूं और लड़के मुझे छेड़ रहे हैं या चेंज के तौर पर मैं लड़के को छेड़ रही हूं और फिर दोनों में प्यार के बीच विलेन आ जाता है। इसीलिए मैंने कुछ फीमेल-ऑरिएंटेड फिल्में भी कीं।

क्या आपको लगता है कि लाइव स्टोरीज के लिए भोजपुरी सिनेमा में माहौल बन रहा है?
नहीं बन रहा है। इसलिए शायद मैंने अभी तक कोई फिल्म साइन नहीं की है। इस साल मैंने अब तक तीन फिल्मों की शूटिंग की है, पर कोई नई फिल्म साइन नहीं की है।

कोई ऐसा किरदार या कहानी है, जिसे करने की बड़ी ख्वाहिश दिल में हो?
जैसा कि मैने कहा न कि लाइव स्टोरीज करना चाहती हूं। जैसे करीना-शाहिद कपूर स्टारर फिल्म की तरह... या फिर एक ऐसी पागल-सी लड़की का किरदार, जो बहुत बातें करती है, जिसे कोई सेंस नहीं है। महिला सम्मान और पॉजिटिव मैसेज देने वाली फिल्में भी करना चाहती हूं।

भोजपुरी फिल्मों की एक्टिंग की स्टाइल ड्रामैटिक है। उसके बारे में कुछ बातें शेयर करना चाहेंगी?
जी हां, भोजपुरी में लाउडनेस ज्यादा होती है। अब तो फिल्में और लाउड होती जा रही हैं। हीरो और हीरोइन की एंट्री लाउड होनी चाहिए। जी हां, मेकअप ,गेटअप सब लाउड होता है। इन्हीं कारणों से मैं नेचुरल ट्रीटमेंट के साथ रीयल स्टोरीज करना चाहती हूं।

भोजपुरी से हटकर दूसरी भाषा के सिनेमा में ट्राइ क्यों नहीं करती हैं?
कोशिश जारी है। मेरा एक हिंदी अलबम आ रहा है। इतने सालों से मैं यूं काम करती रही कि कुछ दूसरा सोचने का मौका ही नहीं मिला। अगर कोई अच्छा ऑफर आता है तो जरूर करना चाहूंगी। अब वो बैंक बैलेंस बनाने वाला मैटर भी नहीं है। लोग हैरान हैं कि पिछले ग्यारह-बारह सालों से एक दिन खाली न बैठने वाली रानी पिछले दो महीने से कोई शूटिंग नहीं कर रही है, ऐसा क्या हो रहा है!

आप से भोजपुरी दर्शक क्या अपेक्षा करते हैं?
वे मेरी एक्सपोजिंग पसंद नहीं करते हैं। शायद यह मैं पहली हीरोइन होऊंगी, जिसकी एक्सपोजिंग दर्शक पसंद नहीं करते हैं। हालांकि मैं बहन जी की तरह स्क्रीन पर नहीं आती हूं। शॉर्टस मैंने भी पहने हैं, पर उनमें अश्लीलता का पुट नहीं होता है। मुझे दबी-कुचली दिखना दर्शकों को पसंद नहीं है। अगर कोई मुझे एक मारता है तो मुझसे उम्मीद की जाती है कि मैं मारने वाले को दो-चार जड़ दूं।

03/04/2018, मंगलवार
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