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कैसे मनेगी होली : टोला सेवकों को कई महीनों से नहीं मिल रहा है मानदेय

gidhaur.com(गिद्धौर/रतनपुर) :- एक ओर जहां  नियोजित शिक्षक, रोजगार सेवक, टोला सेवकों का मानदेय कई महीनों से नहीं मिल रहा है वहीं दूसरी ओर राज्य  सरकार ने वर्ष 2012 में परीक्षा लेकर उत्तीर्ण मान्यता प्राप्त सांख्यिकी स्वयंसेवको से कार्य लिया गया। उसके बाद जून 2016 में तत्कालीन बिहार सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त सांख्यिकी स्वयंसेवक का पैनल निरस्त कर दिया जिसके कारण लगभग 10 हजार सांख्यिकी स्वयंसेवक सड़क पर आ गये । 
बात यदि गिद्धौर प्रखंड की करें तो यहाँ पूरे प्रखंड में सांख्यिकी की संख्या लगभग 20-30 है।
इनके घर में कर्ज लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे में उनके समक्ष आर्थिक संकट आ गया है। अगर इन सभी कर्मियों की समस्याएं समय पर हल कर दिया जाए, तभी  रंगों का त्यौहार और इनकी होली खुशहाली के साथ मनाया जा सकता है। इन सभी कर्मियों की समस्याएं देखते हुए ससमय मानदेय एवं स्थाई करने से ही इन सभी कर्मियों के परिवार में रंगों का त्योहार होली खुशहाली के साथ मनाया जा सकता है।
बताते चलें कि राज सरकार ने वर्ष 2012 में मान्यता प्राप्त सांख्यिकी स्वयं सेवक की बहाली इंटरमीडिएट साइंस में योग्यता  रखकर परीक्षा लेकर किया उसके बाद सरकार की योजनाओं का क्रियान्वयन मान्यता प्राप्त सांख्यिकी स्वयंसेवक द्वारा किया गया था। चाहे वह फसल कटनी कार्य, फसल सर्वेक्षण, जन्म अभियान, वर्षापात हो या जनगणना संबंधित कार्य मान्यता प्राप्त सांख्यिकी स्वयंसेवको के द्वारा कराए गए थे। लेकिन, जब इन सभी कर्मियों को स्थाई कराने की बात आई तो सरकार ने इसके पैनल को जून 2016 में निरस्त कर दिया जिसके कारण सांख्यिकी स्वयंसेवक सड़क पर आ गये तब सरकार के फैसले को 10,000 सांख्यिकी  स्वयंसेवकों की तरफ से रिट याचिका दायर कर चुनौती दी गई थी।
न्यायमूर्ति ज्योति सरन की एकलपीठ ने जनवरी 2017 में उन दायर रिट याचिकाओ को निष्पादन करते हुए सरकार को सलाह दिया कि यह सभी सांख्यिकी स्वयंसेवक प्रशिक्षित हैं, इन्हें कार्य पर रखा जा सकता है।
सरकार के द्वारा कोई भी पहल नहीं होने के बाद हजारों सांख्यिकी स्वयं सेवकों को नियमित रूप से बहाल करने के लिए दायर 130 से भी अधिक अपीलों पर डबल बेंच में सुनवाई चल रही है। न्यायमूर्ति अजय कुमार त्रिपाठी एवं न्यायमूर्ति राजीव रंजन प्रसाद की खंडपीठ ने शंभू कुमार एवं अन्य की तरफ से करीब 135 से अधिक अपीलों पर आंशिक सुनवाई 27 फरवरी को किया। इस मामले की अगली सुनवाई 12 मार्च के लिए रखने का आदेश दिया गया।
पर इसे होली जैसे पर्व के पहले सभी विभागों से जुड़े कर्मचारियों के वेतन का भुगतान कर दिया जाए तो निश्चित तौर पर सांख्यिकी लोगों की होली अच्छे तरीके से मन सकेगी।
(भीम राज)
रतनपुर | 01/03/2018, बृहस्पतिवार
Edited by- Abhishek Kumar Jha
www.gidhaur.com

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