Gidhaur.com (चकाई) : कलियुग में सरल मन से भगवान नाम के संकीर्तन मात्र से मोक्ष मिल जाती है। उक्त बातें दक्षिणकाली सिद्ध पीठ के पीठाधीश्वर सह महामंडलेश्वर कैलाशानंद जी महाराज ने रूद्र महायज्ञ को संबोधित करते हुए चकाई में कही।
उन्होंने कहा कि आंख बंद कर बिना छल-कपट के आप भगवान का प्रतिदिन ध्यान करें। पहले एक मिनट फिर दो, पांच, दस बीस, तीस मिनट जितना हो सके बढ़ाते जाएं। इस दौरान रीढ़ सिधी रखें। आपका चक्र खुलता जाएगा। कुछ साल के बाद आपके छह चक्र जो आपके शरीर में है खुल जाएगा फिर भगवान से आपका एकाकार हो जाएगा। भगवान में आप और आप में भगवान समाहित हो जाएंगे।
उन्होंने गंगा गायत्री एवं गाय की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इसके बिना हम सुखमय जीवन की कल्पना तक नहीं कर सकते। गाय में 33 करोड़ देवताओं का वास है। गायत्री मंत्र के उच्चारण से धर्म, अर्थ, काम एवं मोक्ष चारों की प्राप्ति होती है।
उन्होंने शिव परिचर्चा करते हुए कहा कि शिव बड़े भोले हैं। सहज भाव से प्रार्थना करने पर आपको मनचाहा फल देते हैं। कृष्ण, राम शिव, राधा, काली, भवानी सब एक हैं। इनके भिन्न-भिन्न अवतार हैं। गीता हमारी अमूल्य निधि है। उन्होंने कहा कि बिहार की भूमि पूजनीय, वंदननीय एवं काफी उर्वरा रही है। बिहार ने राजनीति व धार्मिक क्षेत्र में सदा नेतृत्व करने का काम किया है।
पूरे बाजार में घर के सड़कों पर तोरण द्वार, लाइट, झालर से चकाई के बाजार को दुल्हन के रूप में सजाया गया था। इसके पहले अयोध्या से आये स्वामी वैदेही शरण जी महाराज एवं सरस्वती देवी ने अपने अमृतमय प्रवचन का पान श्रद्धालुओं को कराया। मौके पर यज्ञाचार्य अशोक पाण्डेय, शालीग्राम पाण्डेय, भारत गौरव दिलीप मिश्रा, बबलू गुप्ता, पप्पू गुप्ता, दीपक गुप्ता, प्रो. प्रदीप कुमार, सहित हजारों श्रद्धालु मौजूद थे।
सुधीर कुमार यादव
चकाई | 07/02/2018, बुधवार