[Gidhaur.com | अभिषेक कुमार झा] चौंकने की आवश्यकता नहीं है| इन्वेस्टमेंट तुम्हारा,रिस्क हमारा,और फिर मुनाफा 50-50...जी हां, इसी तर्ज़ पर
शराबबंदी में भी गिद्धौर के कुछ युवा शराब माफियाओं के सानिध्य में नववर्ष के अवसर पर अपनी महफ़िल
सजाने की तैयारी में जुटे हैं| गिद्धौर प्रखंड के तमाम पंचायतों में अपना पाँव
पसार चुके शराब माफिया तो इस धंधे से मालामाल हो ही रहे हैं साथ ही इस धंधे में पूँजी लगाने वाले सफेदपोश को बैठे
बैठे अपने पूँजी को दिन दूना और रात चौगुना करने का सुनहरा अवसर भी प्राप्त हो रहा
हैं| इतना ही नहीं गिद्धौर में तो कहीं कहीं नयी पीढ़ी के युवा सूद पर रूपये लेकर
इस गोरखधंधे में अपना पाँव फैलाते हुए, नववर्ष के मौके पर चांदी काटने के फिराक
में भी हैं|
हालांकि स्थानीय पुलिस-प्रशाशन द्वारा इस धंधे पर अंकुश लगाने के लिए
ताबड़तोड़ प्रयास का शिलशिला जारी है| इनके द्वारा लगातार छापेमारी से शराब के इस गैरकानूनी
कारोबारी पर कई बार शामत भी आई है| इसके बावजूद भी शराब के धंधे का क्रेज माफियाओं
के सर से नहीं उतर पा रहा है| जिसका एक मात्र प्रमुख कारण शराब के इस गोरख धंधे
में होने वाली मोटी कमाई है| लिहाजा चाहे
वो शराब माफिया हो या युवा पीढ़ी, शराबबंदी कानून के लागू रहने के बाद भी ये लोग
रिस्क लेने से गुरेज नही करते|
अकूत कमाई और असीमित मुनाफे के कारण गिद्धौर एवं इसके आसपास के इलाके के
बेरोजगार पड़े लोगों के लिए यह धंधा आकर्षक बनता जा रहा है|
अब सवाल उठता है कि समाज के भावी कर्णधार जिनके ऊपर समाज को बदलने और उसके
नेतृत्व की ज़िम्मेदारी है,वे इससे विमुख होकर समाज के लिए परेशानी का सबब बन रहे
हैं|
फिलहाल, गिद्धौर में अपना अड्डा जमा चुके शराब माफियों ने नए साल के टॉनिक का
आर्डर झारखण्ड के देवघर में दिया जा चूका है, बस कुछ ही घंटे में शुरू होने वाले
न्यू इयर पार्टी पर ये जाम छलकना बाकी है,और फिर शराबबंदी के तमाम कायदे-कानूनों की धज्जियां तो उड़ेगी ही|
(न्यूज़ डेस्क)
www.gidhaur.com | 31/12/2017 (Sunday)
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