Gidhaur.com (शिक्षा) : बोर्ड परीक्षा शुरू होने में अब चुनिंदा दिन ही शेष बचे हैं। प्रतियोगिता के इस दौर एवं एक दूसरे से आगे रहने की होड़ में परीक्षा के दिन नजदीक आते ही परीक्षार्थियों को तनाव होना स्वभाविक है। ऐसे में गिद्धौर के बहुप्रतिष्ठित गुणवत्तापूर्ण शिक्षण संस्थान उन्नति क्लासेज़ की निदेशक अपराजिता सिन्हा बता रही हैं कि कुछ बातों का ध्यान रखकर बच्चे न केवल परीक्षा की बेहतर तैयारी कर सकते हैं, बल्कि इन तरीकों से तनाव को भी दूर रख सकते हैं साथ ही बताये गए टिप्स पर अमल कर बच्चे परीक्षा में बहुत अच्छे नंबर और परसेंटेज भी प्राप्त कर सकते हैं। जानिए अपराजिता सिन्हा द्वारा बताए परीक्षा के लिए कुछ जरूरी और आसान टिप्स -
5. परीक्षा में तनाव
जैसा की हम सभी जानते है तनाव में किया गया कोई भी काम अक्सर खराब हो जाता है। इसलिए हमे अपने परीक्षाओं के लिए तनाव कभी नही लेना चाहिए। बल्कि हमें अपना सारा ध्यान विषयों को अच्छे से तैयार करने पर केंद्रित करना चाहिए। नियमित अध्ययन करने से हमारे सभी विषय टाइम पर तैयार हो जायेगे और फिर हम अपने परीक्षाओं में सबसे अच्छे अंक ला सकते है।
1. नियमित पढाई करना
ये एकदम सीधी सी बात है जैसे हम अपने काम नियमित दिनचर्या पर रोज करते है, जैसे सूर्य अपने समय पर निकलता है और अपने समय पर रोज अस्त होता है, ठीक उसी प्रकार हमे भी अपनी पढ़ाई रोज करनी चाहिए। लेकिन बहुत से परीक्षार्थी रोजाना न पढ़ते हुए जब परीक्षाएं नजदीक आती है तो दिन-रात पढने लगते है। ऐसा करना ठीक नही है। क्यूकी इससे हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए हमे पढाई नियमित करनी चाहिए।
ये एकदम सीधी सी बात है जैसे हम अपने काम नियमित दिनचर्या पर रोज करते है, जैसे सूर्य अपने समय पर निकलता है और अपने समय पर रोज अस्त होता है, ठीक उसी प्रकार हमे भी अपनी पढ़ाई रोज करनी चाहिए। लेकिन बहुत से परीक्षार्थी रोजाना न पढ़ते हुए जब परीक्षाएं नजदीक आती है तो दिन-रात पढने लगते है। ऐसा करना ठीक नही है। क्यूकी इससे हमारे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है। इसलिए हमे पढाई नियमित करनी चाहिए।
2. अध्ययन के लिए समय सारिणी बनाये
पढ़ाई का सबसे अच्छा तरीका है कि टाइम टेबल बनाएं और यह पहले ही तय कर लें कि आपको कब, क्या और कितना पढ़ना है। चाहें तो हर आधे या एक घंटे में 10 से 15 मिनट का ब्रेक लें। इससे दोबारा जब पढ़ाई करने बैठेंगे तो बेहतर तरीके से पढ़ पाएंगे। एक ही बार में ज्यादा से ज्यादा पढ़ने की कोशिश न करें। पहले कठिन विषयों का अध्ययन कर लें उसके बाद आसान चीजों को पढ़ें। धीरे-धीरे पढ़ाई के घंटों को बढ़ाएं लेकिन बीच में ब्रेक जरूरी लें। अगर टाइम टेबल के हिसाब से पढ़ाई होगी तो सभी विषयों पर बराबर ध्यान दे पाएंगे।
पढ़ाई का सबसे अच्छा तरीका है कि टाइम टेबल बनाएं और यह पहले ही तय कर लें कि आपको कब, क्या और कितना पढ़ना है। चाहें तो हर आधे या एक घंटे में 10 से 15 मिनट का ब्रेक लें। इससे दोबारा जब पढ़ाई करने बैठेंगे तो बेहतर तरीके से पढ़ पाएंगे। एक ही बार में ज्यादा से ज्यादा पढ़ने की कोशिश न करें। पहले कठिन विषयों का अध्ययन कर लें उसके बाद आसान चीजों को पढ़ें। धीरे-धीरे पढ़ाई के घंटों को बढ़ाएं लेकिन बीच में ब्रेक जरूरी लें। अगर टाइम टेबल के हिसाब से पढ़ाई होगी तो सभी विषयों पर बराबर ध्यान दे पाएंगे।
हर चीज का समय होता है। जैसे समय पर खाना खाना, स्कूल जाना, समय पर परीक्षाओं का होना, समय पर नये क्लास में एडमिशन आदि। यानी दुनिया के हर काम के लिए एक समय निश्चित होता है। तो हमे अपने पढाई के लिए भी टाइम टेबल तैयार कर उसे फॉलो करना चाहिए।
टाइम टेबल तैयार करते समय इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए की हम जिस विषय में काफी कमजोर हैं, उसे पढ़ने के लिए ज्यादा वक़्त दें। फिर साथ में हर विषय के लिए पढने का समय दे। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि हम सिर्फ एक ही विषय पर ज्यादा ध्यान देते है। ऐसे में बाकी अन्य विषय पीछे रह जाते है। ऐसा कदापि नही करना चाहिए।
हमे अपने टाइम टेबल में पढ़ने के साथ-साथ लिखने के लिए भी वक्त देना चाहिए। क्यूंकि परीक्षा में परीक्षक के सामने हमारे लिखे हुए हल प्रश्न के उत्तर ही जाते है। इसलिए हम जो भी कुछ पढ़ते हैं उसे पढने के साथ-साथ लिखते भी रहना चाहिए। क्यूकी लिखने से कोई भी चीज दिमाग में सेट हो जाती है और हमारा लिखावट भी सुंदर होती जाता है जो की परीक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
टाइम टेबल तैयार करते समय इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए की हम जिस विषय में काफी कमजोर हैं, उसे पढ़ने के लिए ज्यादा वक़्त दें। फिर साथ में हर विषय के लिए पढने का समय दे। कभी-कभी ऐसा भी होता है कि हम सिर्फ एक ही विषय पर ज्यादा ध्यान देते है। ऐसे में बाकी अन्य विषय पीछे रह जाते है। ऐसा कदापि नही करना चाहिए।
हमे अपने टाइम टेबल में पढ़ने के साथ-साथ लिखने के लिए भी वक्त देना चाहिए। क्यूंकि परीक्षा में परीक्षक के सामने हमारे लिखे हुए हल प्रश्न के उत्तर ही जाते है। इसलिए हम जो भी कुछ पढ़ते हैं उसे पढने के साथ-साथ लिखते भी रहना चाहिए। क्यूकी लिखने से कोई भी चीज दिमाग में सेट हो जाती है और हमारा लिखावट भी सुंदर होती जाता है जो की परीक्षा के लिए बहुत महत्वपूर्ण है.
3. स्वास्थ्य का ध्यान रखना
यदि हम जो भी कुछ पढ़ते हो वो हमारे समझ में जल्दी आ जाए और उसे हम जल्दी से याद कर ले तो इसके लिए हमारे स्वास्थ्य का अच्छा होना बहुत मायने रखता है। क्यूकी अगर हम स्वस्थ रहेगे तो हम जो कुछ भी पढेगे वो जल्दी समझ में आने के साथ-साथ जल्दी याद भी होगा। ज्यादातर बच्चे पढ़ाई के दौरान खाने-पीने पर बिल्कुल ध्यान नहीं देते, लेकिन इस समय उन्हें पोषण की आवश्यकता अधिक होती है। बच्चों को हरी सब्जियां, ड्रायफ्रूट्स, जूस, दूध आदि लेना चाहिए और एक ही बार में ज्यादा खाने के बजाए थोड़ा-थोड़ा खाएं। ज्यादा मिर्च मसाले, तली हुई चीजों और फास्ट फूड से दूर रहें।
यदि हम जो भी कुछ पढ़ते हो वो हमारे समझ में जल्दी आ जाए और उसे हम जल्दी से याद कर ले तो इसके लिए हमारे स्वास्थ्य का अच्छा होना बहुत मायने रखता है। क्यूकी अगर हम स्वस्थ रहेगे तो हम जो कुछ भी पढेगे वो जल्दी समझ में आने के साथ-साथ जल्दी याद भी होगा। ज्यादातर बच्चे पढ़ाई के दौरान खाने-पीने पर बिल्कुल ध्यान नहीं देते, लेकिन इस समय उन्हें पोषण की आवश्यकता अधिक होती है। बच्चों को हरी सब्जियां, ड्रायफ्रूट्स, जूस, दूध आदि लेना चाहिए और एक ही बार में ज्यादा खाने के बजाए थोड़ा-थोड़ा खाएं। ज्यादा मिर्च मसाले, तली हुई चीजों और फास्ट फूड से दूर रहें।
जैसा की कहा भी गया है-
"स्वथ्य शरीर स्वस्थ्य मस्तिक का घर होता है"
इसलिए हमे अपने अध्यन के साथ साथ अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना बहुत आवश्यक होता है
इसलिए हमे अपने अध्यन के साथ साथ अपने स्वास्थ्य का भी ध्यान रखना बहुत आवश्यक होता है
4. अध्यन के बारे में विचार विमर्श करना
जब हम कुछ भी पढ़ते है, क्या हमारी जानकारी पूरी तरह से सही है या हमारे द्वारा पढ़े गये विषय में हम कुछ भूल रहे है। तो ऐसी स्थितियो से बचने के लिए हमे अपने सहपाठियों के साथ समूह में विचार विमर्श करना चाहिए। क्यूकी ऐसा करने से हमे जो चीजे अगर नही मालूम रहेगी, हो सकता है शायद हमारे सहपाठी जानते हो। तो आपस में विचार विमर्श करते हुए हमे भी पता चल जायेगा, जिससे की हमारा कांसेप्ट भी क्लियर हो जायेगा। इसलिए हमे आपस में सवाल-जवाब करते रहना चाहिए।
जब हम कुछ भी पढ़ते है, क्या हमारी जानकारी पूरी तरह से सही है या हमारे द्वारा पढ़े गये विषय में हम कुछ भूल रहे है। तो ऐसी स्थितियो से बचने के लिए हमे अपने सहपाठियों के साथ समूह में विचार विमर्श करना चाहिए। क्यूकी ऐसा करने से हमे जो चीजे अगर नही मालूम रहेगी, हो सकता है शायद हमारे सहपाठी जानते हो। तो आपस में विचार विमर्श करते हुए हमे भी पता चल जायेगा, जिससे की हमारा कांसेप्ट भी क्लियर हो जायेगा। इसलिए हमे आपस में सवाल-जवाब करते रहना चाहिए।
5. परीक्षा में तनाव
जैसा की हम सभी जानते है तनाव में किया गया कोई भी काम अक्सर खराब हो जाता है। इसलिए हमे अपने परीक्षाओं के लिए तनाव कभी नही लेना चाहिए। बल्कि हमें अपना सारा ध्यान विषयों को अच्छे से तैयार करने पर केंद्रित करना चाहिए। नियमित अध्ययन करने से हमारे सभी विषय टाइम पर तैयार हो जायेगे और फिर हम अपने परीक्षाओं में सबसे अच्छे अंक ला सकते है।
6. सुबह जल्दी उठकर अध्यन करना
सुबह का समय अध्ययन के लिए सबसे उचित माना जाता है। क्यूकी यह वह वक़्त होता जब आसपास का वातावरण एकदम शांत होता है। इससे अध्ययन के लिए एक शोरगुलरहित माहौल होता है जिससे कि सुबह जल्दी उठकर पढने से पढ़ी गयी चीजे आसानीपूर्वक याद हो जाती है। अक्सर परीक्षा और पढ़ाई के दबाव के चलते बच्चे पर्याप्त नींद नहीं लेते, वे देर रात तक तो पढ़ाई करते ही हैं, सुबह भी पढ़ाई के लिए जल्दी उठ जाते हैं जिससे पर्याप्त नींद नहीं हो पाती। जिससे दिमाग सुस्त और उसकी कार्यक्षमता कम हो जाती है। दिमाग तभी ठीक से काम करेगा जब उसे पर्याप्त आराम मिलेगा। इसलिए हमे देर रात की अपेक्षा सुबह जल्दी उठकर पढने पर जोर डालना चाहिए।
सुबह का समय अध्ययन के लिए सबसे उचित माना जाता है। क्यूकी यह वह वक़्त होता जब आसपास का वातावरण एकदम शांत होता है। इससे अध्ययन के लिए एक शोरगुलरहित माहौल होता है जिससे कि सुबह जल्दी उठकर पढने से पढ़ी गयी चीजे आसानीपूर्वक याद हो जाती है। अक्सर परीक्षा और पढ़ाई के दबाव के चलते बच्चे पर्याप्त नींद नहीं लेते, वे देर रात तक तो पढ़ाई करते ही हैं, सुबह भी पढ़ाई के लिए जल्दी उठ जाते हैं जिससे पर्याप्त नींद नहीं हो पाती। जिससे दिमाग सुस्त और उसकी कार्यक्षमता कम हो जाती है। दिमाग तभी ठीक से काम करेगा जब उसे पर्याप्त आराम मिलेगा। इसलिए हमे देर रात की अपेक्षा सुबह जल्दी उठकर पढने पर जोर डालना चाहिए।
7. ध्यान एकत्रित करना
आजकल हम सबके साथ सबसे बड़ी यही समस्या है की हम बिना टेलीविज़न, मोबाइल फ़ोन, फेसबुक या व्हाट्सएप्प के एक पल नही रह सकते है। जो की कही न कही हमारे पढाई पर भी असर डालता है। अक्सर देखा जाता है बहुत से लोग पढ़ते हुए उनका ध्यान टेलीविज़न, मोबाइल फ़ोन या अन्य जगहों पर होता है। जिससे की हमारा ध्यान पूरी तरह पढाई में न होकर इधर-उधर भी हो जाता है। इस वजह से हम जो कुछ भी पढ़ते है उसे या तो समझ नही पाते है या उसे जल्दी से भूल जाते है। इसलिए हम जब भी अपनी पढाई करे हमारा सारा ध्यान हमारे किताबों पर होना चाहिए, इस बात का पालन अच्छी तरह से करना चाहिए।
आजकल हम सबके साथ सबसे बड़ी यही समस्या है की हम बिना टेलीविज़न, मोबाइल फ़ोन, फेसबुक या व्हाट्सएप्प के एक पल नही रह सकते है। जो की कही न कही हमारे पढाई पर भी असर डालता है। अक्सर देखा जाता है बहुत से लोग पढ़ते हुए उनका ध्यान टेलीविज़न, मोबाइल फ़ोन या अन्य जगहों पर होता है। जिससे की हमारा ध्यान पूरी तरह पढाई में न होकर इधर-उधर भी हो जाता है। इस वजह से हम जो कुछ भी पढ़ते है उसे या तो समझ नही पाते है या उसे जल्दी से भूल जाते है। इसलिए हम जब भी अपनी पढाई करे हमारा सारा ध्यान हमारे किताबों पर होना चाहिए, इस बात का पालन अच्छी तरह से करना चाहिए।
8. अपने से बड़ो की सलाह
किसी भी चीज को पाने के हमे हमे उस दिशा में कार्य करने की बहुत जरूरत होती है। हम जो कुछ भी कर रहे है या करना चाहते है वो एकदम सही है क्या, ऐसी बातो की समाधान के लिए हमे अपने से बड़ो की हमेशा सलाह लेते रहनी चाहिए। क्यूकी हो सकता है हम अपनी पढाई को लेकर तनाव की वजह से कही कोई गलती तो नही कर रहे है या हमसे कोई कमी तो नही रह रही है इन सब बातो को अपने से बड़ो के साथ शेयर भी करते रहना चाहिए जिससे की हमारे अध्यन के लिए एक अच्छा मार्ग मिल सके।
किसी भी चीज को पाने के हमे हमे उस दिशा में कार्य करने की बहुत जरूरत होती है। हम जो कुछ भी कर रहे है या करना चाहते है वो एकदम सही है क्या, ऐसी बातो की समाधान के लिए हमे अपने से बड़ो की हमेशा सलाह लेते रहनी चाहिए। क्यूकी हो सकता है हम अपनी पढाई को लेकर तनाव की वजह से कही कोई गलती तो नही कर रहे है या हमसे कोई कमी तो नही रह रही है इन सब बातो को अपने से बड़ो के साथ शेयर भी करते रहना चाहिए जिससे की हमारे अध्यन के लिए एक अच्छा मार्ग मिल सके।
9. अपने पूरे विषय पर फोकस करना
परीक्षाओं के लिए ये सबसे महत्वपूर्ण नियम है। क्यूकि जब हम अपने नये क्लास में प्रवेश करते है, तो शुरू में विषयों के अध्याय तो बहुत अच्छे से तैयार करते है, लेकिन ज्यो ज्यो परीक्षाएं नजदीक आती है हम अपने सब्जेक्ट के अंतिम अध्याय अच्छे से पढ़ नही पाते है या कम समय के चलते वो अध्याय छूट जाते है। ऐसे में जब परीक्षा में प्रश्न पूछे जाते है तो वे पूरे किताब से पूछे जाते है। लेकिन हमारे वो अध्याय तैयार न होने से परीक्षा में वे प्रश्न छुट जाते है। इसलिए हमे अपने पूरे बुक्स की स्टडी पर ध्यान देना चाहिए।
अपराजिता कहती हैं कि अगर आप भी तनावरहित माहौल में परीक्षा की बेहतर तैयारी के साथ अच्छे अंक लाना चाहते है तो इन बातों पर ध्यान देकर सफलता हासिल कर सकते हैं।
परीक्षाओं के लिए ये सबसे महत्वपूर्ण नियम है। क्यूकि जब हम अपने नये क्लास में प्रवेश करते है, तो शुरू में विषयों के अध्याय तो बहुत अच्छे से तैयार करते है, लेकिन ज्यो ज्यो परीक्षाएं नजदीक आती है हम अपने सब्जेक्ट के अंतिम अध्याय अच्छे से पढ़ नही पाते है या कम समय के चलते वो अध्याय छूट जाते है। ऐसे में जब परीक्षा में प्रश्न पूछे जाते है तो वे पूरे किताब से पूछे जाते है। लेकिन हमारे वो अध्याय तैयार न होने से परीक्षा में वे प्रश्न छुट जाते है। इसलिए हमे अपने पूरे बुक्स की स्टडी पर ध्यान देना चाहिए।
10. शारीरिक व्यायाम
चाहे सुबह की सैर हो, योगा या फिर घर में ही कोई व्यायाम करना हो। मानसिक स्वास्थ्य के लिए शरीर को चुस्त-दुरूस्थ रखना भी बेहद जरूरी है। इससे दिमाग को ऑक्सीजन सही मात्रा में पहुंचती है, रक्तसंचार बेहतर होता है और वह तेजी से काम करता है।
11. मनोरंजन
सिर्फ पढ़ाई करते रहने से दिमाग बोझिल हो सकता है। उसे रिफ्रेश करने के लिए मनोरंजन भी बेहद जरूरी है। चाहें तो घर पर ही कुछ फनी करें या फिर कुछ देर दोस्तों के साथ जाकर खेलकर या अन्य कार्य करके मूड को रिफ्रेश करें।
न्यूज़ डेस्क
Gidhaur.com | 24/12/2017, रविवार