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जितिया : बच्चों की लम्बी उम्र के लिए निर्जला उपवास करती हैं माँ

Gidhaur.com (त्यौहार) : बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल में पवित्र उत्सव जितिया मनाया जाता है. जितिया/जतिया त्यौहार में निर्जला (बिना पानी) एक दिन और रात में उपवास कर माताओं द्वारा अपने बच्चों की भलाई और लम्बी उम्र के लिए मनाया जाता है. हिंदू बिक्रम संवत के अश्विन महीने में कृष्ण पक्ष के 9वीं चन्द्र दिन से सातवें दिन तक तीन दिवसीय महोत्सव के रूप में मनाया जाता है. यह त्यौहार आमतौर पर सितंबर में मनाया जाता है। पहले दिन (जीवितपुत्रिका के एक दिन पूर्व) को नहाई-खाई के रूप में जाना जाता है। जीवितपुत्रिका के दिन बिना पानी के कड़ा उपवास किया जाता है. इसे खर-जितिया कहा जाता है. (खर सूखी घास को कहते हैं) तीसरे दिन, पारण (दिन का पहला भोजन लेने) के साथ उपवास समाप्त होता है. विभिन्न प्रकार के भोजन और विशेष भोजन झोर-भात, नोनी का साग और मड़ुआ की रोटी खाई जाती है. नोनी का साग, मारुवा की रोटी और तुरई की स्टू के साथ पारण किया जाता है.
आप सभी को जितिया/जीवित्पुत्रिका पर्व की हार्दिक शुभकामनायें.

Gidhaur.com     |     12/09/2017, मंगलवार

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