
Gidhaur.com (धर्म) : बिहार में शाहाबाद धार्मिक स्थलों के मामले में भी बड़ा ही समृद्ध है। पवित्र गंगा और सोन नद के साथ विन्ध्य पर्वत श्रृंखला से घिरे रोहतास, भोजपुर, बक्सर तथा कैमूर ये चार वर्तमान जिला पूर्व में शाहाबाद जिला था, जो आज चार भाग में विभक्त हो गया है। आर्थिक, सामाजिक, ऐतिहासिक एवं सांस्कृतिक दृष्टिकोण से काफी महत्वपूर्ण इस भूभाग में अवस्थित शक्तिपिठों का चर्चा आज जरूरी है, क्योंकि यहां के देवी मंदिरों के ऐतिहासिक एवं धार्मिक महत्व को ओ ख्याति अब तक प्राप्त नहीं हो सका है जो होना चाहिए था।

माँ ताराचंडी धाम एनएच दो से सटे हुए है जो सासाराम रेलवे स्टेशन से मात्र पांच किलोमीटर दूर है। जहां अन्तरप्रान्तीय बस सेवा के साथ ही रेलवे स्टेशन पर दिल्ली कोलकाता रूट पर चलने वाली प्रायः सभी ट्रेनो का ठहराव है। कहा जाता है कि देवी ने चंड नामक दैत्य का वध यहीं किया था, जबकि मुन्ड नामक दैत्य की मुन्डेश्वरी में।

वहीं मोहनिया आरा एनएच के किनारे अवस्थित भलूनी धाम का भी बड़ा ही धार्मिक महत्व है | ऐतिहासिक और धार्मिक ग्रन्थ बताते हैं कि भगवान राम भी यहां आकर माँ की पूजा किये थे। वर्तमान समय में एनएच की स्थिति बहुत ही खराब है। इसलिए सासाराम आरा मार्ग से बिक्रमगंज से नटवार बाजार होते हुए बड़ी असानी से पहुंचा जा सकता है। इन सभी शक्तिपिठों के बारे में मान्यता है कि सच्चे मन से मांगी गई मन्नत जरूर पुरी होती है।
(अनूप नारायण)
Gidhaur.com | 22/09/2017, शुक्रवार