Gidhaur.com (स्मृति) : भोजपुरी का एक चमकता सितारा अस्त हो गया। मशहूर गीतकार मोतीलाल मंजुल का गत शनिवार को उनके दिल्ली स्थित आवास पर दिल का दौरा पड़ने के कारण निधन हो गया। वे बिहार के सीवान जिले के बसंतपुर प्रखंड के मोरना के रहनेवाले थे।
'नथुनिये पऽ गोली मारे.. सइयां हमार हो...', 'गोरिया चांद के अंजोरिया नियन गोर बाड़ू हो....', 'जवन रोग के दवाई ना बैदा बताई, तऽ बुझिहऽ कि प्यार हो गइल...', 'बोकवा बोलत नइखे...', 'गोरी चुनरी रंगवली सबुज रंग से...', 'उड़ गइल चुनरी चहक गइल...' जैसे बेजोड़ गीतों की रचना करनेवाले मोतीलाल ने इंडस्ट्री में अपना एक अलग मुकाम बनाया था। सीधे शब्दों में कहा जाये तो मंजुल जी ने अपनी लेखनी से कई लोगों को स्टार गायक बनाया था।
मंजुल जी की प्रतिभा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके लिखे गीतों को महेंद्र कपूर, अनुराधा पौडवाल, सोनू निगम जैसे शीर्ष के गायकों ने भी अपनी आवाज दी है।
बात भोजपुरी गायक-गायिकाओं की करें तो मनोज तिवारी, वंदना वाजपेयी, भरत शर्मा, मुन्ना सिंह, विजया भारती, रितू चौहान आदि ने उनके लिखे गीतों को गाकर अपने गायन की दुनिया में अपनी लोकप्रियता को विस्तार दिया है।
मंजुल जी की बेटियों रितु चौहान और सोनी चौहान के गाये विवाह और तिलक के गीत आज भी शादी विवाह के मौके पर खूब सुने जाते हैं। मोतीलाल मंजुल ने टी-सीरीज, टिप्स, एचएमवी, नीलम, चंदा समेत कई कंपनियों के साथ काम करते हुए हजारों गाने लिखें हैं, जिनका ऑडियो-वीडियो अलबम और सीडी आज भी बाजार में उपलब्ध हैं।
इसके अलावा उन्होंने टी-सीरीज के लिए कॉमेडी टेली फिल्म्स 'बिहारी लोटा', 'ससुर के खिचड़ी', 'चाचा के साली हमर घरवाली' के साथ-साथ लव स्टोरी पर बनी फिल्म 'गुलबिया के प्यार में', भक्ति टेली फिल्म्स 'थावे के भवानी', 'गंगा जइसन छठी मैया' को भी अपनी लेखनी से संजोया है।
मोतीलाल मंजुल को उनके लेखन के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें 'भोजपुरी ग्रेट सम्राट', 'रामेश्वर सिंह कश्यप (लोहा सिंह) अवार्ड', 'शारदा सम्मान', 'प्रवासी रत्न सम्मान', 'लोक कवि सम्मान', 'कला संस्कृति सम्मान', 'पूर्वांचल गौरव सम्मान' आदि प्रमुख हैं।
मंजुल जी की प्रतिभा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके लिखे गीतों को महेंद्र कपूर, अनुराधा पौडवाल, सोनू निगम जैसे शीर्ष के गायकों ने भी अपनी आवाज दी है।
बात भोजपुरी गायक-गायिकाओं की करें तो मनोज तिवारी, वंदना वाजपेयी, भरत शर्मा, मुन्ना सिंह, विजया भारती, रितू चौहान आदि ने उनके लिखे गीतों को गाकर अपने गायन की दुनिया में अपनी लोकप्रियता को विस्तार दिया है।
मंजुल जी की बेटियों रितु चौहान और सोनी चौहान के गाये विवाह और तिलक के गीत आज भी शादी विवाह के मौके पर खूब सुने जाते हैं। मोतीलाल मंजुल ने टी-सीरीज, टिप्स, एचएमवी, नीलम, चंदा समेत कई कंपनियों के साथ काम करते हुए हजारों गाने लिखें हैं, जिनका ऑडियो-वीडियो अलबम और सीडी आज भी बाजार में उपलब्ध हैं।
इसके अलावा उन्होंने टी-सीरीज के लिए कॉमेडी टेली फिल्म्स 'बिहारी लोटा', 'ससुर के खिचड़ी', 'चाचा के साली हमर घरवाली' के साथ-साथ लव स्टोरी पर बनी फिल्म 'गुलबिया के प्यार में', भक्ति टेली फिल्म्स 'थावे के भवानी', 'गंगा जइसन छठी मैया' को भी अपनी लेखनी से संजोया है।
मोतीलाल मंजुल को उनके लेखन के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया, जिनमें 'भोजपुरी ग्रेट सम्राट', 'रामेश्वर सिंह कश्यप (लोहा सिंह) अवार्ड', 'शारदा सम्मान', 'प्रवासी रत्न सम्मान', 'लोक कवि सम्मान', 'कला संस्कृति सम्मान', 'पूर्वांचल गौरव सम्मान' आदि प्रमुख हैं।
(अनूप नारायण)
पटना | 05/09/2017, मंगलवार