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जानिए : भारत के राष्ट्रपति को क्या वेतन और सुविधाएँ मिलती हैं?

भारतीय संविधान के अनुच्छेद 52 के अनुसार, भारत में एक राष्ट्रपति होगा. भारत का राष्ट्रपति देश में सर्वोच्च अधिकारी होता है और उसे देश का पहला नागरिक भी कहा जाता है. जनवरी 2016 के पहले भारत के राष्ट्रपति को 1.5 लाख रुपये प्रति महीने सैलरी और अन्य सभी आधारभूत सुविधाएँ मिलती थी. जनवरी 2016 से सातवें वेतन आयोग की सिफारिश लागू हो गयी है जिसके कारण सभी केन्द्रीय और राज्य कर्मचारियों के वेतनों में वृद्धि हुई है. इस वृद्धि के ही परिणामस्वरुप संसद द्वारा भारत के राष्ट्रपति के वेतन को बढाने का फैसला लिया गया है.

वर्तमान में राष्ट्रपति को उपलब्ध वेतन और भत्ते इस प्रकार हैं:
1. वेतन: रु.5 लाख प्रति माह (आय कर से छूट)
2. मुफ्त चिकित्सा सुविधाएं
3. पूर्णतः सुसज्जित मुफ्त आवास
4. नि: शुल्क उपचार (पूर्ण जीवन)
5. राष्ट्रपति को सरकार की ओर से एक पूर्णतः बुलेट प्रूफ मर्सिडीज बेंज एस 600 (डब्ल्यू 221) पुलमैन गार्ड कार मिलती है.
6. निःशुल्क फ़ोन की सुविधा
7. मुफ्त यात्रा सुविधाएँ
8. मुफ्त पेट्रोल
9. सचिवालय स्टाफ एवं पर प्रति वर्ष 60,000  रुपये का कार्यालय खर्च

यह आलेख इस बात की व्याख्या करता है कि वर्तमान में राष्ट्रपति के वेतन में 7 वें वेतन आयोग के कार्यान्वयन के बाद 200% की वृद्धि क्यों हुई है. जैसा कि हम जानते हैं कि राष्ट्रपति देश का सर्वोच्च नागरिक है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि 7 वें वेतन आयोग के कार्यान्वयन के बाद कैबिनेट सचिव का वेतन रु. 2.5 लाख प्रति माह हो गया था जबकि भारत के राष्ट्रपति को प्रति माह केवल 1.5 लाख रुपये मिल रहा था. इस प्रकार भारत सरकार के एक कर्मचारी का वेतन भारत में सर्वोच्च पद पर आसीन व्यक्ति से अधिक होना उसके पद की गरिमा के अनुरूप नही था. इसलिए संसद ने फैसला किया कि राष्ट्रपति का वेतन 1.5 लाख रुपये प्रति माह से बढाकर 5 लाख प्रति माह किया जायेगा. नया वेतनमान जनवरी 2016 से लागू भी हो गया है. इन उपरोक्त सुविधाओं के अतिरिक्त, भारत सरकार 22.5 मिलियन रूपये प्रति वर्ष राष्ट्रपति के आवास,आवास के रख-रखाव, स्टाफ, भोजन और विदेशी नेताओं की मेजबानी इत्यादी पर खर्च करती है. 

रिटायरमेंट के बाद राष्ट्रपति को क्या क्या सुविधाएँ मिलती हैं?
1. पेंशन के रूप में 1.5 लाख रुपये प्रति महीना मिलेगा.
2. राष्ट्रपति के निधन के बाद उसके पति/पत्नी को पेंशन मिलती है जो कि राष्ट्रपति को मिलने वाली पेंशन से आधी होती है.
3. एक सुसज्जित मुक्त बंगला (टाइप VIII के आकार का)
4. दो नि: शुल्क लैंडलाइन और एक मोबाइल फोन
5. एक निजी सचिव सहित पांच निजी कर्मचारी
6. कर्मचारियों पर खर्च करने के लिए प्रति वर्ष 60,000 रुपये का व्यय
7. ट्रेन या वायुयान से एक अन्य व्यक्ति के साथ मुफ्त यात्रा सुविधा
8. निशुल्क चिकित्सा सुविधा
9. मुफ्त दिल्ली पुलिस सुरक्षा
10. एक सरकारी कार

भारत के पूर्व राष्ट्रपतियों को कितनी सैलरी मिलती थी
1. 1951 में भारत के राष्ट्रपति को 10,000 रुपये का वेतन और 15000 रुपये भत्ता के रूप में मिलते थे.
2. 1985 में भारत के राष्ट्रपति को 15,000 रुपये का वेतन और 30000 रुपये भत्ता के रूप में मिलते थे.
3. 1989 में भारत के राष्ट्रपति को 20,000 रुपये का वेतन और 10000 रुपये भत्ता के रूप में मिलते थे.
4. 1998 में भारत के राष्ट्रपति को 50,000 रुपये का वेतन के रूप में मिलते थे.
5. 2008 में भारत के राष्ट्रपति को 1,50,000 रुपये का वेतन मिलता था.
6. जनवरी 2016 से भारत के राष्ट्रपति का वेतन 5 लाख रुपये प्रति महीना हो गया है.

(मुग़ल गार्डन, राष्ट्रपति भवन)
भारत सरकार राज्य के राज्यपाल और भारत के उप राष्ट्रपति जैसे अन्य अधिकारियों के वेतन में भी वृद्धि करने की योजना बना रही है. इससे पहले 2008 में, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और राज्यपाल के वेतन में तीन गुना वृद्धि हुई थी. इस नवीनतम वृद्धि से पहले, राष्ट्रपति का वेतन 1.5 लाख रुपये प्रति माह था, उपराष्ट्रपति का वेतन प्रति माह 1.25 रुपये था और राज्यपालों का वेतन रु.1,10,000 प्रति माह था. सरकार ने अभी उपराष्ट्रपति के वेतन में वृद्धि की मंजूरी दे दी है; और अब इनका वेतन 3.5 लाख प्रति माह हो जायेगा.

निष्कर्ष में यह कहा जा सकता है कि भारत सरकार राष्ट्रपति से सम्बंधित सभी मदों पर कुल 2 करोड़ रूपये प्रति माह खर्च करती है. इस खर्च में राष्ट्रपति और राष्ट्रपति भवन से सम्बंधित सभी खर्चे शामिल हैं. हालाँकि भारत के राष्ट्र प्रमुख की सैलरी विश्व के अन्य शासकों की तुलना में बहुत कम ही है.

gidhaur.com  |  01/08/2017, मंगलवार 

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