आईपीएस विकास वैभव ने किया जमुई का वर्णन, पढ़िए उन्हीं के शब्दों में - gidhaur.com : Gidhaur - गिद्धौर - Gidhaur News - Bihar - Jamui - जमुई - Jamui Samachar - जमुई समाचार

Breaking

Post Top Ad - Contact for Advt

Post Top Ad - Sushant Sai Sundaram Durga Puja Evam Lakshmi Puja

मंगलवार, 29 अगस्त 2017

आईपीएस विकास वैभव ने किया जमुई का वर्णन, पढ़िए उन्हीं के शब्दों में

विकास वैभव अपनी लेखनी के लिए भी मशहूर हैं. भावनाओं को शब्दों में उतारने के उनके तरीके के सभी कायल हैं...

Gidhaur.com (न्यूज़ डेस्क) : बिहार के बहुचर्चित एवं लोकप्रिय पुलिस अधिकारी विकास वैभव के अंदाज, पहचान और दरियादिली को बच्चा-बच्चा भी जानता है। श्री वैभव वर्तमान में भागलपुर के डीआईजी के रूप में पदस्थापित हैं लेकिन कुछ दिन पूर्व ही इनके कार्यक्षेत्र को बढ़ाकर मुंगेर रेंज का भी प्रभार दिया गया है। विकास वैभव अपनी लेखनी के लिए भी मशहूर हैं। भावनाओं को शब्दों में उतारने के उनके तरीके के सभी कायल हैं। शनिवार, 26 अगस्त को मुंगेर रेंज के प्रभारी होने के नाते डीआईजी विकास वैभव विभाग सम्बंधित कार्य से जमुई आये थे। इस दौरान अपने अनुभव को उन्होंने शब्दों में पिरोकर जमुई की विशेषताओं और उनसे जुड़े अपनी भावनाओं को सोशल मीडिया पर वर्णित किया है। पढ़िए उन्हीं के शब्दों में कितनी खूबसूरती और अद्वितीय विविध संस्कृति को अपने में समाये है हमारा जमुई। 
जमुई के ऐतिहासिक स्थलों के बारे में जानने हेतु मन जिज्ञासु बना हुआ था
जमुई के बारे में अनेक वर्षों से लगातार सुनता और पढता रहा था परंतु जाने का अवसर कभी पहले नहीं मिल सका था । इस शनिवार की संध्या को जब मुंगेर से जमुई की यात्रा पर निकला तब कई पुरानी सुनी हुई बातें याद आ रही थीं और विशेष रूप से फ्रांसिस बुकानन द्वारा सन् 1810-11 में किए गए सर्वेक्षण के संस्मरणों में वर्णित रोचक तथ्यों एवं ऐतिहासिक स्थलों के वर्तमान स्वरुपों के बारे में और जानने हेतु यात्री मन जिज्ञासु बना हुआ था । रविवार को दिन भर पुलिस पदाधिकारीयों से क्षेत्रीय समस्याओं के बारे में विस्तार से चर्चा हुई और इसी क्रम में क्षेत्र भ्रमण का अवसर भी मिला जिसके पश्चात यह सशक्त अनुभूति हुई कि जमुई के प्राकृतिक सौंदर्य के बारे में जितनी भी कल्पना मैंने पूर्व में पुस्तकों के अध्ययन या बातचीत के आधार पर की थी, वास्तव में यह क्षेत्र उससे भी कहीं अधिक सुंदर एवं रोचक है ।

वर्तमान स्थिति को देखने और चर्चाओं से स्पष्ट हो गया कि अभी भी जमुई के बारे में जानकारी कमतर ही है
इस प्रारंभिक अल्पकालीन भ्रमण से ही मन जमुई के प्राकृतिक सौंदर्य और विस्तृत ऐतिहासिक विरासत पर पूर्णतः मुग्ध हो चुका है और अब और जानने तथा देखने की ललक बढती जा रही है। जमुई से लौटते समय जब भागलपुर आ रहा था तब आंजन नदी पार करते समय गाड़ी में ही बुकानन के संस्मरण फिर पढने लगा । पढने के क्रम में मलिन पहाड़ नामक आंजन नदी के स्त्रोत के बारे में जानने की प्रबल इच्छा हुई जिसपर स्थित पर्वतीय उष्मीय जल प्रपातों का बुकानन द्वारा सुंदर वर्णन किया गया था, परंतु पूछने पर कुछ विशेष जानकारी उपलब्ध न हो सकी । इस पहाड़ के बारे में और जानकारी प्राप्त करने को मन इस हेतु भी उत्सुक है चूंकि अंग प्रदेश की राजधानी चंपा का दूसरा नाम मालिनी भी रहा है और यह संभव है कि मलिन पहाड़ पूर्व में इससे संबंधित रहा हो । संभव है कि मलिन पहाड़ के आसपास प्राचीन सभ्यता के कुछ अवशेष भी हों, पर संभवतः किसी ने इन बिंदुओं पर विशेष अनुसंधान नहीं किया है । जमुई की वर्तमान स्थिति को देखने पर और की गई चर्चाओं से यह स्पष्ट हो गया है कि अभी भी जमुई के बारे में हमारी जानकारी बहुत कमतर ही है । अतः एक प्रबल सी जिज्ञासा भी जागृत हुई है।
आवश्यकता एक ऐसे भविष्य निर्माण की जिसमें भटके लोग पुनः मुख्यधारा से जुड़ें
किऊल, आंजन, मान समेत अनेक छोटी-बड़ी पर्वतीय सरिताओं और दर्शनीय घाटीयों में स्थित जल प्रपातों को देखकर यहाँ पर्यटन की असीम संभावनाएं परिलक्षित होती हैं परंतु समाज की मुख्यधारा से भटके कुछ स्थानीय व्यक्तियों की विध्वंसक गतिविधियों के कारण आम पर्यटक इस प्राकृतिक वरदान से शांति व्यवस्था भंग होने के भय से वंचित हो रहे हैं । आवश्यकता एक ऐसे माहौल के निर्माण की है जिसमें भटके लोग पुनः मुख्यधारा से जुड़ें तथा सम्मिलित रूप से क्षेत्र के अग्रणी विकास में अपना भी योगदान दें । आखिर जिस क्षेत्र को ईश्वर ने प्राकृतिक रूप से इतना सुंदर बनाया और जहाँ स्थित ऐतिहासिक विरासत पूर्वोत्कर्ष की गाथाओं को प्रमाणित कर रहा है, वही अपने कुछ भटके पुत्रों के ग्रसित मानसिकता के कारण क्यों अपने भविष्य पर विलाप करता सा प्रतीत होता है ।
विकसित पर्यटन स्थल के रूप में देखने की मंगलकामना
खैर वर्तमान परिस्थितियों के जनक चाहे जो भी कारण रहे होंगे, क्षेत्र परिवर्तन चाहता दिख रहा है और कुछ समय से परिवर्तन के शुभ संकेत भी दृष्टिगोचर होने लगे हैं । पुलिस माध्यम बनकर समाज की मुख्यधारा से भटके लोगों को पुनः जोड़ने का निरंतर प्रयास करती रही है और रहेगी पर सभी के नित्य योगदान की आवश्यकता बनी रहेगी । इस बार प्रारंभिक प्रवास में समय बहुत व्यस्त सा बीता और विशेष चित्र कैमरे में नहीं ले सका पर भविष्य में जमुई की प्राकृतिक और ऐतिहासिक झलकियों को आपके साथ साझा कर सकूंगा, यह कामना है और साथ ही जमुई के उज्जवल भविष्य को एक विकसित पर्यटक स्थल के रूप में देखने की भी मन में मंगलकामना है ।
जय हिन्द!

Gidhaur.com   |     29/08/2017, मंगलवार 

Post Top Ad -