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सेवा की सड़क कर रही इंतजार, कैसे होगा इसका उद्धार

गिद्धौर प्रखंड क्षेत्र के सेवा गांव जाने वाली सड़क के जर्जर होने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लोगों की माने तो सड़क की हालत इतनी जर्जर हो गई है की इसमें लगाया गया कंक्रीट और अलकतरा भी रोड़ा सहित निकलकर बाहर आ गया है। जिससे सड़क में छोटे, बड़े और गहरे गड्ढे बन गए हैं और इन गड्ढों में वाहनों से सफर करने में काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। बताते चलें कि गिद्धौर से रेलवे स्टेशन होते हुए सेवा, धमना, रामाकुराब, थड़घटिया, कुड़ीला, गेनाडीह, चंद्रशेखर नगर, गोविंदपुर आदि गांव जाने का यह एकमात्र रास्ता है। बिहार सरकार के ग्रामीण कार्य विभाग, कार्य प्रमंडल, झाझा, जमुई द्वारा गिद्धौर रेलवे स्टेशन से निचली सेवा, रामाकुराब, थड़घटिया, भाया गेनाडीह पथ निर्माण योजना के तहत 2.93 किलोमीटर सड़क का निर्माण किया गया था। उक्त सड़क का निर्माण कार्य 10/10/2013 को शुरू हुआ था जो 09/01/2014 को समाप्त हुआ। 

विदित हो की लगभग तीन-साढ़े तीन वर्ष पूर्व लाखों की लागत से इस सड़क का निर्माण कराया गया था जिससे की गिद्धौर प्रखंड अंतर्गत आने वाले इन गांवों के निवासियों को मुख्यालय एवं बाजार आवागमन में असुविधा न हो। लेकिन एक बार जो सड़क बन गया तब से अब तक इसका मरम्मत भी नहीं हुआ है।
जिसके कारण लोगों को दोपहिया-चारपहिया वाहन और पैदल चलने में भी काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। इस सन्दर्भ में बातचीत करने पर स्थानीय ग्रामीणों ने आक्रोश जताते हुए कहा कि सड़क की मरम्मत के अभाव में इतनी जर्जर हालत हो गई है जो चिंता का विषय है। बाजार, रेलवे स्टेशन एवं प्रखंड सह अंचल कार्यालय जाने के लिए इस ओर से होकर प्रतिदिन सैंकड़ों छोटे बड़े वाहनों का आना-जाना लगा रहता है। कई बार तो सड़क में बने गड्ढों में दोपहिया वाहन भी दुर्घटनाग्रस्त हो चुके हैं। बारिश के दिनों में तो स्थिति और भी ज्यादा खतरनाक हो जाती है। गड्ढों की गहराई इतनी अधिक है की बरसात का पानी भर जाने पर चालकों को सड़क का अंदाजा नहीं मिल पाता और दुर्घटना हो जाती है।

इस रास्ते अमूमन कई जनप्रतिनिधियों का भी आना-जाना लगा रहता है, लेकिन इस सड़क की सुधि लेने आज तक विभागीय पदाधिकारी नहीं आये हैं। यह सड़क गिद्धौर के एनएच 333 से निकलकर सेवा, धमना, रामाकुराब, थड़घटिया, कुड़ीला, गेनाडीह, चंद्रशेखर नगर, गोविंदपुर सहित दर्जनों गांवों को जोड़ते हैं। उक्त सड़क इस इलाके का एकमात्र मुख्य सड़क होने के कारण इस सड़क से सैकड़ों वाहन का परिचालन प्रतिदिन होता है। सड़क में गड्ढे होने से जहाँ वाहन चालकों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। वहीं किसी बड़ी दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है। इसी सड़क में गिद्धौर रेलवे स्टेशन से सेवा की ओर बढ़ने पर रेलवे अंडर ब्रिज (भँवरवा पुल) भी है जो की अंग्रेज जमाने का ही निर्मित है।
लेकिन गहराई और लगातार पानी लग जाने की वजह से यह भी क्षतिग्रस्त हो गया है। बरसात के दिनों में इस पुल में घुटने तक पानी लग जाता है जिससे गुजरना लोगों के लिए मुश्किल का सबब बन जाता है। परेशानी तब होती है जब प्रसव पीड़ित महिला व मरीज को अस्पताल ले जाना पड़ता है लेकिन सड़क व पुल की स्थिति ठीक नहीं रहने के कारण वाहन चालक भी अस्पताल ले जाने से कतराते हैं। जानकारी के अनुसार ग्रामीणों द्वारा कई बार विभिन्न जनप्रतिनिधियों एवं विभागीय पदाधिकारियों से इस सड़क के पुनरुद्धार हेतु ध्यान आकृष्ट किया गया लेकिन इसके बदले में आज तक आश्वासन के अलावा कुछ नहीं मिला। 

(मुकेश कुमार यादव, सेवा)
~गिद्धौर      |      04/06/2017, रविवार
www.gidhaur.blogspot.com


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