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हिन्दू-मुसलमान को भ्रमित कर दंगा लगाने वाले तत्व सक्रिय, अमन समिति ने की सतर्कता की अपील


साधारण हिन्दू एवं मुस्लिम भाइयों से निवेदन है कि किसी भी सूचना एवं तथ्यों को जांच-परख करने के बाद ही उस पर प्रतिक्रिया करें। समाज को आपस में लड़ाने वाले असामाजिक तत्व सक्रिय हो चुके हैं। वे कुछ ऐसा कुराफात करके निकल लेते हैं जिससे हिंदू और मुसलमान भ्रमित होकर आपस में लड़ने लगते हैं। उक्त अपील अमन समिति के संयोजक धनंजय कुमार सिन्हा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट लिखकर की।

धनंजय ने अपनी पोस्ट में लिखा है कि पूर्व के समय में कुछ लोग अपने राजनैतिक स्वार्थ के लिए हिन्दुओं और मुसलमानों को आपस में लड़ाने के लिए अपने गुर्गों से मंदिर में कुत्ते का मांस और मस्जिद में सूअर का मांस फेंकवा देते थे। हिंदू सोचते थे कि जरूर मुसलमानों ने मंदिर में कुत्ते का मांस फेंकवाया होगा, और मुसलमान सोचते थे कि जरूर हिन्दुओं ने मस्जिद में सूअर का मांस फेंकवाया होगा, और ऐसा सोचकर हिंदू-मुस्लिम आपस में लड़ने लगते हैं, दंगा-फसाद हो जाता है। किन्तु हकीकत यह था कि राजनीतिज्ञ अपने स्वार्थ के लिए हिन्दुओं और मुसलमानों को आपस में लड़ाने की साजिश रचते थे और भोले-भाले साधारण हिंदू और मुस्लिम आपस में लड़ने लगते थे।

धनंजय ने लिखा है कि जमाना थोड़ा आगे बढ़ गया है। स्वार्थी राजनीतिज्ञ लोग हिन्दुओं और मुसलमानों को आपस में लड़वाने के लिए रोज नए-नए साजिश बुनते हैं। वे हिंदू और इस्लाम दोनों ही धर्म के युवाओं को टारगेट करके उन्हें दिग्भ्रमित कर हिंसा के लिए बहकाते हैं।

धनंजय ने अमन समिति के माध्यम से अपील किया कि साधारण हिन्दु और मुसलमान आपस में लड़ाने वाली साजिशों के बहकावे में न आएं। अपने आस-पास घट रही हिंसा की घटनाओं के मूल कारणों को समझने का प्रयास करें। झगड़ा-हिंसा को बढ़ाने वाली गतिविधियों को रोकने का प्रयास करें। दंगा-फसाद में उलझने से अपने-अपने धर्म-सम्प्रदाय के युवाओं को रोकें।