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गुरुवार, 3 अक्टूबर 2019

नरेन्द्र मोदी द्वारा महात्मा गांधी की प्रशंसा में एक ही दिन में 15 ट्वीट किए जाने का आखिर क्या मतलब है?

[न्यूज डेस्क | gidhaur.com] :
RSS प्रमुख मोहन भागवत ने गांधी जी द्वारा RSS के अनुशासन की प्रशंसा किए जाने का उद्धरण दिया, वर्तमान में यह हमारे समाज और देश के लिए एक शुभ संकेत है। RSS प्रमुख द्वारा चाहे जिस किसी भी परिस्थिति में गांधी जी से जुड़ा यह प्रसंग उठाया गया हो, चाहे जिस किसी भी उद्देश्य से यह प्रसंग उठाया गया हो, चाहे मन से उठाया गया हो या बेमन से उठाया गया हो, हर परिस्थिति में यह समाज द्वारा एक सकारात्मक दिशा की ओर कदम उठाने का संकेत दे रहा है।

RSS के साधारण समर्थकों को सामान्य रूप से शायद भागवत जी द्वारा ऐसे उदाहरण दिए जाने की अपेक्षा नहीं रही होगी। शायद RSS के विरोधियों को भी ऐसी अपेक्षाएं नहीं रही होंगी। किन्तु जो भागवत जी ने कहा है, वह सत्य है, और भागवत जी ने अपनी बातों के सत्यापन के लिए उपलब्ध तथ्यों की भी चर्चा की है।
करीब एक सप्ताह पहले प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने महात्मा गांधी के विचारों को घर-घर तक पहुंचाने का संकल्प लिया। शायद BJP के समर्थकों एवं विरोधियों, दोनों को यह भी अपेक्षा  नहीं थी। किन्तु ऐसा हुआ।
आज 2 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा महात्मा गांधी की प्रशंसा करते हुए कुल 15 बार ट्वीट किया जाना,  शायद मोदी समर्थकों एवं मोदी विरोधियों को इस बात की भी अपेक्षा नहीं थी। किन्तु ऐसा हो रहा है।
गांधी में अद्भुत आकर्षण है। सत्य में अद्भुत आकर्षण है। अहिंसा में अद्भुत आकर्षण है। आज गांधी का शरीर मौजूद नहीं है। गांधी अपने पक्ष में अपनी बातें रखने के लिए भी मौजूद नहीं हैं। किन्तु सत्य और अहिंसा सदी खत्म होने के बाद भी प्रभाव बरकरार रखता है। इस हकीकत से आज देश रूबरू हो रहा है।
लोग उद्यान घूमने आएं या उजाड़ने आएं, उद्यान आने भर से यह तो पता चल ही जाता है कि उद्यान में अन्य जगहों से अधिक खुशबू है। उसी प्रकार गांधी जैसे विचार के करीब आप चाहे जिस किसी भी उद्देश्य से क्यों न आएं, उसके सदप्रभाव से बच पाना मुश्किल है।
हम जैसे लोग इस बात से भी खुश हैं कि अलग-अलग विचारधाराओं के लोग, चाहे जिस किसी भी कारण से आएं, पर गांधी जी के उद्यान के करीब तो आएं, उस उद्यान के करीब जहां सत्य, अहिंसा, त्याग, प्रेम, दया, करूणा, मैत्री जैसे फूल खिले हुए हैं।
धनंजय कुमार सिन्हा
(संयोजक, अमन समिति)

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