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सिमुलतला : मुहर्रम में निकला ताजिया जुलूस, कलाकारी व करतब का दिखा अद्भुत संगम

सिमुलतला (गणेश कुमार सिंह) :-

मंगलवार को सिमुलतला क्षेत्र के विभिन्न गाँव कनौदी, पिपराडीह, पूर्णकाडीह, ढोढरी, खुरंडा, बथनाबरण, गोदैया, असहना, टेलवा बाजार, बरोधिया, बुढिबारी सहित दर्जनों गांवों में मुहर्रम का त्यौहार बड़े ही उल्लाश के साथ मनाया गया। 


उक्त गाँव के नवयुवकों ने एक से बढ़कर कलाकारी व करतब प्रस्तुत किए। तलवार लाठी एवं बरछे की खेल को दिखाया गया। इस बीच इस्लाम के झंडे के साथ साथ तिरंगे झंडे को फहराते हुए मुस्लिम समुदाय ने एकता अखण्डता और देशभक्ति की झलक को दिखाया।

 सभी गाँव के ताजिये को आकर्षक ढंग से सजाया गया था।  इस्लाम के अनुसार मुहर्रम को रमजान के बाद दूसरा सबसे पवित्र महीना माना गया है। 

इस महीने में पैगंबर मोहम्मद के नाती इमाम हुसैन की शहादत और कर्बला के शहीदों को याद किया जाता है। कहा जाता है कि इराक में यदिज नाम का एक क्रूर शासक था, उसने खुद को इस्लामी जगत का खलीफा घोषित कर दिया था। क्रूर यदिज ने इमाम हुसैन को भी अपने काबिले में शामिल होने का न्योता दिया लेकिन इमाम को मंजूर नहीं था। लिहाजा उसने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया। जिससे नाराज होकर यदिज ने इमाम से जंग छेड़ दिया, और कर्बला के रेगिस्तान में हुए युद्ध में इमाम शहीद हो गए। यह इस पावन मुहर्रम माह का 10वाँ दिन था। तब से आज तक यह प्रथा प्रचलित है। सिर्फ सिया समुदाय के ही मुसलमान इमाम का शहादत मुहर्रम के रूप में मनाता है। 


इस मुहर्रम त्यौहार को शांति बहाल करने में सिमुलतला पुलिस चुस्त दुरुस्त दिखी, थानाध्यक्ष वीरभद्र सिंह दल बल के साथ तीनो अखाडा कानोदि, सिमुलतला और टेलवा पर पैनी दृष्टि बनाये रखी थी। झाझा अंचलाधिकारी अमित रंजन की भी थानाध्यक्ष के साथ दिखे। वही स्थानीय राजद नेता श्रीकांत यादव मुस्लिम युवाओं का हौसला अफजाई करते नज़र आए।