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शिक्षकों के हित के लिए लडूंगा आर पार की लड़ाई : रजनीकांत पाठक

मंसूरचक/बेगूसराय [अनूप नारायण] :
शिक्षकों के सम्मान से बड़ा कोई पुनीत कार्य नहीं हो सकता।इन्हीं के बताए ज्ञान की रौशनी से आज पूरा संसार प्रकाशमान है।ये बातें सामाजसेवी रजनीकांत पाठक ने बुधवार को प्रखंड मुख्यालय परिसर स्थित पंचायत समिति भवन साभागार में बिहार सिने आर्टिस्ट एसोसिएशन एवम दिनकर फिल्मसिटी के बैनर तले प्रखंड उप प्रमुख डॉ. अंजना कश्यप द्वारा आयोजित "सेवानिवृत्त शिक्षक सम्मान समारोह" कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।

उन्होंने कहा कि आज समाज में शिक्षकों के प्रति सम्मान का भाव दिनोंदिन घटता जा रहा है जिसके कारण ही सामाजिक वातावरण विषाक्त हो रहा है और आपसी प्रेम व भाईचारे का अभाव दिख रहा है अतः ऐसी प्रवृत्ति से समाज को बचाये जाने की आवश्यकता है।उन्होंने शिक्षकों के हित के लिए आरपार लड़ाई लड़ने की बात कही।

कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रखंड उप प्रमुख डॉ. अंजना कश्यप ने एवम संचालन बिहार सिने आर्टिस्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष सह चर्चित बॉलीवुड एक्टर अमिय कश्यप ने किया।इससे पूर्व कार्यक्रम का विधिवत उद्घाटन सामाजसेवी रजनीकांत पाठक,उप प्रमुख डॉ. अंजना कश्यप, शिक्षाविद अशर्फी झा, अंचलाधिकारी अमर कुमार, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी सुनील कुमार, जदयू नेत्री क्रांति कुमारी आदि ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अभिनेता अमिय कश्यप ने कहा कि अपने समाज के बुजुर्गों के सम्मान से आत्मसंतुष्टि मिलती है और ऐसे आयोजनों की निरंतरता बनी रहनी चाहिये।
उन्होंने कहा बछवाड़ा और बेगूसराय को राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय क्षितिज पर गौरवांवित करने को दिनकर फिल्मसिटी संकल्पित है।उक्त अवसर पर युवा साहित्यकार अनिल अग्निहोत्री रचित काव्यसंग्रह "दर्पण" का विमोचन भी अतिथियों के द्वारा किया गया।

मौके पर बहरामपुर के मुखिया निरंजन कुमार ईश्वर, गोविंदपुर-1 के मुखिया राजीव पासवान, समसा-2 के पैक्स अध्यक्ष राजेश कुमार,डॉ. भोला ईश्वर, नीतू कुमारी, राजद नेता सिंटू झा,सरोज कुमार चौधरी, राकेश कुमार महंथ, राजीव कुमार,सुमन ईश्वर सहित प्रखंड क्षेत्र के कई जनप्रतिनिधियों व बुद्धिजीवियों की उपस्थिति रही।

कार्यक्रम में बछवाड़ा विधानसभा क्षेत्र के तीन दर्जन से अधिक सेवानिवृत्त शिक्षकों को अंगवस्त्रम, फूलमाला व प्रशस्ति पत्र से सम्मानित किया गया।

सम्मान पाने वालों में अशर्फी झा,मो.मुर्तुजा अली,सुखदेव महतों,तारणी महतों,शिवजी महतों,रामप्रीत महतों,भागवती देवी,प्रभु महतों,चंद्रशेखर झा,मोहन झा, सहदेव महतों,शैलेंद्र कुमार सिंह उर्फ भरोसा सिंह,चंद्रशेखर चौधरी,रामचन्द्र झा,बासुकीनाथ सिंह,सत्यनारायण कैब,अबुल ख़ैर, रामाशीष महतों, बालेश्वर महतों आदि थे।