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गिद्धौर : अनियमितता की भेंट चढ़ी आवास योजना, सहायकों को लगी है नजराने की लत


[न्यूज़ डेस्क | अभिषेक कुमार झा] :-

गिद्धौर प्रखंड में इन दिनों प्रधानमंत्री आवास योजना में व्यापक पैमाने पर अनियमितता बरते जाने का मामला प्रकाश में आया है। ग्रामीण आवास सहायकों की मनमानी से लाभुक परेशान हैं। बिना नजराना दिए लाभुकों को समय पर योजना का लाभ नहीं मिल रहा है। या फिर यूं कहें कि सहायकों को नजराने की लत लग गई है।


अपने नाम की गोपनीयता बनाये रखते हुए लाभुकों ने बताया कि बिना जेब गर्म किये आवास सहायक काम नहीं करते हैं। वे अपने तानाशाही रवैये का धौंस दिखाकर कहते हैं कि अगर कहीं शिकायत की तो पक्का दिखाकर लाभ से वंचित कर दिया जाएगा।
आलम यह है कि, बिना हाथ पर वजन रखे न तो लाभुकों का निबंधन होता है और न ही जियो टेग्गिंग का काम किया जाता है। गिद्धौर प्रखंड के पतसंड़ा, रतनपुर, कोल्हुआ सहित सभी पंचायतों का यही हाल है। इस संदर्भ में प्रखंड विकास पदाधिकारी गोपाल कृष्णन का कहना है कि यदि ग्रामीणों द्वारा शिकायत मिलती है तो उचित कार्रवाई की जाएगी।

वहीं विश्वसनीय सूत्रों की मानें तो, अपने श्रम से पाई पाई जुटाने वाले गरीब वर्गीय लाभुकों को आवास योजना के लिए ₹10,000/- से लेकर ₹15,000/- तक नजराने के रूप में देना पड़ रहा है। परिणामतः  गरीब व आवास विहीन लाभुकों को यत्र-तत्र कर्ज लेकर इन रसूखदारों की जेब गर्म करने को विवश हैं। अब इसे विभागीय लापरवाही कहें या सुस्त सिस्टम, कर्मियों द्वारा ससमय प्रतीक्षा सूची का प्रकाशन नहीं किया जा रहा है, जिससे लाभुकों को सही व सटीक जानकारी भी नहीं मिल पा रही है। यहां तक कि गिद्धौर प्रखण्ड के किसी भी पंचायत भवन या प्रखंड मुख्यालय में प्रतिक्षा सूची नहीं प्रकाशित किये जाने से सरकार के इस महत्वाकांक्षी योजना में अनियमितता एवं इनके अवैध प्रगाढ़ कमाई के स्त्रोत को और अधिक बल मिल जा  रहा है।
यदि, समय रहते आवास सहायकों की मनमानी पर अंकुश लगाते हुए इस अनियमितता की निष्पक्ष जांच की गई तो गिद्धौर प्रखण्ड में पनप रहे एक बड़े धांधली का खुलासा हो सकता है।
Input :- धनन्जय कुमार 'आमोद'
              अजीत कुमार झा