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गिद्धौर : भगवान भरोसे जनता की सुरक्षा, आग बुझाने को नहीं है दमकल


गिद्धौर [सुशान्त सिन्हा] :
बैसाख के आगमन के साथ ही भीषण गर्मी की शुरुआत हो चुकी है। गर्म हवा के तेज़ थपेड़ों ने लोगों का जीना मुहाल कर रखा है। इधर गर्मी की वजह से अगलगी की घटनाओं में भी लगातार इज़ाफ़ा हो रहा है। घास-फूस के बने घरों में आग लगने की घटनाएं अक्सर ही सामने आ रही हैं। यूँ तो दर-देहात के इलाकों में आग लगने पर उसे बुझाने के लिए लोग आपसी सहयोग का ही सहारा लेते हैं। लेकिन नियमानुसार सभी थानों में अग्निशमन वाहन की उपलब्धता होनी जरुरी है।

एक ओर जहां आए दिनों आग लगने की घटनाएं हो रही हैं, वहीं दूसरी ओर गिद्धौर थाना क्षेत्र के लोग अग्निशमन वाहन के आने का बेसब्री से बाट जोह रहे हैं। फरवरी से अप्रैल माह तक में कई झोपड़ियां और फसलों के पुंज आग में जलकर स्वाहा हो गए।
विदित हो कि बिहार के प्रत्येक जिलों में आग लगने पर उस पर काबू पाने के लिए सभी थानों को अत्याधुनिक हाई प्रेशर वॉटर मिस्ट टेक्नोलॉजी युक्त वाहन निर्गत करने का निर्देश दिया गया था। लेकिन इसके इतर विभाग दमकल की गाड़ियों और कर्मियों की कमी की समस्या से भी परेशान है।
गिद्धौर थाना क्षेत्र के अंतर्गत लगभग 20 छोटे-बड़े गांव शामिल हैं लेकिन अब तक यहां अग्निशमन वाहन उपलब्ध नहीं कराया गया है।

जमुई जिला मुख्यालय के अलावा जिले में कुल 12 थानों में से अब तक केवल 6 को ही अग्निशमन वाहन उपलब्ध कराया गया है इनमें झाझा, चकाई, चंद्रमंडीह, सिकंदरा, सिमुलतला और लक्ष्मीपुर शामिल हैं। इसके साथ-साथ हर थाने में 2 अग्निशमन कर्मी एवं 1 चालक की भी प्रतिनियुक्ति की जानी थी। चालक और सिपाही की कमी के कारण खैरा थाने की गाड़ी मुख्यालय स्थित अग्निशमन कार्यालय के सामने ही खड़ी है।
वर्तमान समय तक थानों को अग्निशमन वाहन नहीं उपलब्ध किए जाने के बाबत पूछे जाने पर प्रभारी अग्निशमन पदाधिकारी अरविंद कुमार ने एक अखबार से कहा कि ' विभाग द्वारा अब तक जितने वाहन उपलब्ध कराए गए हैं, सभी को अलग-अलग थानों को भेज दिया गया है। अन्य थानों को भी जल्द ही वाहन उपलब्ध करा देने की बात विभाग से हुई है। वर्तमान में कर्मियों की कमी के कारण इसका इस्तेमाल सुचारू रूप से नहीं हो रहा है।'