#Exclusive
【न्यूज़ डेस्क | अभिषेक कुमार झा】:-
रेलवे स्टेशन पर रेलवे सुविधाओं में विस्तार के लिए सरकार करोड़ों खर्च कर रही है। बाबजूद इसके अभी भी कई कमियां ऐसी हैं जिसके कारण यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
अब उदाहरण के लिए गिद्धौर रेलवे स्टेशन को ही ले लीजिए, दानापुर ज़ोन अंतर्गत जमुई -झाझा रेल रूट पर स्थित इस छोटे से स्टेशन पर यात्री सुविधाओं का विस्तार करने के बावजूद अभी भी यहां के यात्री सुविधाओं से वंचित हैं।
इन यात्रियों के तमाम असुविधाओं में से प्लेटफार्म भी सम्मिलित है।
इन यात्रियों के तमाम असुविधाओं में से प्लेटफार्म भी सम्मिलित है।
गिद्धौऱ रेलवे स्टेशन पर दो प्लेटफार्म है। दोनों प्लेटफार्म की लंबाई कम है। विशेषतः प्लेटफार्म नंबर दो की लंबाई काफी कम है। जिसके कारण इस प्लेटफॉर्म पर लगने वाली ट्रैनों के कुछ डिब्बे प्लेटफॉर्म के बाहर निकल जाते हैं, जिससे यात्रियों को सीधा प्लेटफॉर्म की बजाए टै्रक पर उतरना पड़ता है। उबड़ - खाबड़ रास्ते होने के कारण कई बार यात्री नीचे गिरकर चोटिल हो जाते हैं।
गौरतलब है कि दिल्ली और पटना से आने वाली विभिन्न ट्रेने प्लेटफार्म संख्या दो पर ही खड़ी होती है। प्लेटफार्म की लंबाई कम रहने के कारण आरक्षित बोगियों के अलावे कुछ बोगियां प्लेटफार्म के बाहर खड़ी होती हैं।
ट्रैन रुकने के बाद प्लेटफार्म से बाहर रहने वाले बोगी पर सवार यात्रियों को प्लेटफार्म के बाद वाले गड्ढे में ही कूदना पड़ता है। यहां यह बता दें कि 3 दर्जन गांवों का ये एकलौता स्टेशन है जहां रोजाना सैंकड़ों यात्रियों का आना जाना लगा रहता है।
लाखों रुपये का राजस्व देने वाले गिद्धौर रेलवे स्टेशन पर कुल 32 ट्रेनों का ठहराव होता है, इनमें उप-डाउन रुट मिलाकर 16 ट्रैन शामिल हैं। इन 16 ट्रेनों में शायद ही कोई ऐसा ट्रैन होगा जिसकी बॉगी प्लेटफार्म के अंदर आ जाये।
प्लेटफार्म की लंबाई नहीं बढ़ने के कारण ट्रेन पर उतरने-चढ़ने के दौरान यात्री रेल अधिकारियों को कोसते नजर आते हैं।
प्लेटफार्म की लंबाई नहीं बढ़ने के कारण ट्रेन पर उतरने-चढ़ने के दौरान यात्री रेल अधिकारियों को कोसते नजर आते हैं।
Social Plugin