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महाराजगंज लोकसभा : अब भगवान नाम रूपी प्रत्याशी साधू, जर्नादन, रणधीर!

पटना/सेंट्रल डेस्क [अनूप नारायण] :

सारण प्रमंडल के तीन प्रमुख लोकसभा क्षेत्रों में खासकर महाराजगंज में हार जीत का पैमाना तय करने वाले पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह की कमी खल रही है. सत्ता के समीकरण में जो पक्ष में थे वह विपक्ष में है और जो विपक्ष में थे वह पक्ष मे.

विधानसभा चुनाव में जदयू-राजद के गठबंधन ने महाराजगंज लोकसभा क्षेत्र के सभी 6 सीटों पर अपनी विजय पताका फहराया था. इस जीत को पूर्व सांसद प्रभुनाथ सिंह के व्यक्तिगत जीत से भी जोड़कर देखा जा रहा था. तरैया से राजद के मुद्रिका प्रसाद राय, बनियापुर से राजद के केदारनाथ सिंह, गोरेया कोठी से राजद के सत्यदेव सिंह, महाराजगंज से जदयू के हेम नारायण साह, एकमा से जदयू के मनोरंजन सिंह धूमल तथा माझी से कांग्रेस के विजय शंकर दुबे की जीत कई मायने में प्रभुनाथ सिंह की जीत थी.

बदले हालात में महाराजगंज से राजद के टिकट पर प्रभुनाथ सिंह के पुत्र रणधीर सिंह, भाजपा के टिकट पर निवर्तमान सांसद जनार्दन सिंह सिग्रीवाल, निर्दलीय जिला पार्षद मेनका रमण तथा बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर गोपालगंज के पूर्व सांसद तथा लालू प्रसाद यादव के साले साधु यादव यहां से ताल ठोक रहे है.

महाराजगंज की लड़ाई को समझना इतना आसान नहीं लेकिन यहां के मतदाता दो गुटों में विभक्त है. मुख्य मुकाबला भाजपा और राजद के बीच है. भाजपा के उम्मीदवार को मोदी मैजिक का भरोसा है, वही राजद उम्मीदवार को मुस्लिम, यादव, दलित व राजपूत मतो की गोलबंदी का. महाराजगंज में राजपूत और भूमिहार मतदाता निर्णायक भूमिका में है.