जमुई (Jamui), 15 फरवरी : राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकार और राज्य विधिक सेवा प्राधिकार के निर्देश पर जिला विधिक सेवा प्राधिकार ने स्थानीय व्यवहार न्यायालय परिसर स्थित न्याय सदन के प्रशाल में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह प्रभारी जिला जज अनंत सिंह ने दीप प्रज्वलित कर राष्ट्रीय लोक अदालत का शुभारंभ करते हुए कहा कि यहां राजीनामा के आधार पर वादों का निस्तारण किया जाता है। इस अदालत में कोई भी इच्छुक जन स्वंय या अपने अधिवक्ता के माध्यम से केसों के निपटारे के लिए आवेदन दे सकते हैं।
यहां सुनाए गए फैसलों की अहमियत उतनी ही होती है, जितनी सामान्य अदालत में सुनाए गए फैसलों की होती है। राष्ट्रीय लोक अदालत में सुनाए गए फैसले के खिलाफ अपील दायर नहीं की जा सकती है। श्री सिंह ने पक्षकारों से इस अदालत का ज्यादा से ज्यादा लाभ लेने की अपील की।
जिला विधिक सेवा प्राधिकार के सचिव पवन कुमार ने मौके पर अतिथियों का खैरमकदम करते हुए कहा कि राष्ट्रीय लोक अदालत में पक्षकारों को अल्प व्यय पर त्वरित न्याय हासिल होता है। उन्होंने सम्बंधित पक्षों की सहमति से मामलों का निपटारा किए जाने की बात-बताते हुए कहा कि अधिक मामलों के शीघ्र निष्पादन के लिए इसका हर दो या तीन माह पर आयोजन किया जाता है।
उन्होंने राष्ट्रीय लोक अदालत की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यहां सबके लिए न्याय उपलब्ध है। श्री कुमार ने इसे अनोखा और अनूठा न्यायालय की संज्ञा देते हुए कहा कि पक्षकार इसकी शरण में आकर अल्प समय में त्वरित न्याय प्राप्त कर सकते हैं। सचिव ने इसे पक्षकारों के लिए अत्यंत लाभकारी करार देते हुए कहा कि समस्याओं का तुरंत समाधान ही इसका मूल उद्देश्य है।
जिला विधिज्ञ संघ के अध्यक्ष अश्विनी कुमार यादव ने विभागीय अधिकारियों को विवादों को सुलझाने में लचीला रुख अख्तियार करने का संदेश देते हुए कहा कि पक्षकारों को सहूलियत देकर ही हम राष्ट्रीय लोक अदालत की सार्थकता को परिभाषित कर सकेंगे।
न्यायिक पदाधिकारी अमरेंद्र कुमार, वीरेंद्र कुमार सिंह, नेहा त्रिपाठी, अमन जी, डीएसपी मुख्यालय अभिषेक सिंह, जिला विधिज्ञ संघ के महासचिव विपिन कुमार सिन्हा समेत कई न्यायिक और प्रशासनिक अधिकारी एवं पक्षकारों ने उद्घाटन सत्र में हिस्सा लिया और इसे गरिमा प्रदान किया। उद्घाटन सत्र का संचालन विद्वान अधिवक्ता डॉ. पंकज कुमार ने किया।
उद्घाटन सत्र के उपरांत 12 बेंच के जरिए बैंक, बीमा, खनन, बिजली, वन, माप-तौल, पारिवारिक विवाद आदि सुल्हनीय वादों की सुनवाई की गई और राजीनामा के आधार पर मामलों का निष्पादन किया गया। राष्ट्रीय लोक अदालत को लेकर न्यायालय परिसर में भारी गहमा-गहमी देखी गई।
उधर स्टेट बैंक ऑफ इंडिया जमुई शाखा के मुख्य प्रबंधक संजीव कुमार के नेतृत्व में बैंक अधिकारी एवं कर्मी नामित स्टॉल पर संजीदगी के साथ नजर आए। सम्बंधित लोगों ने लचीला रुख अपनाकर ऋण सम्बंधी मामलों को सुलझाने के साथ पक्षकारों को न्याय दिलाने में अहम भूमिका निभाई।
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