Breaking News

6/recent/ticker-posts

आईजीआईएमएस से जुड़े चिकित्सक रत्नेश चौधरी बता रहे हैं कोरोना जांच का तकनीकी पक्ष

पटना | अनूप नारायण : 
टेस्ट्स के नेगेटिव-पोजटिव के ऊहापोह बीच सामान्य भाषा मे समझें तो ऐसा मेडिकल फील्ड में होता है।कोरोना के अभी 2 प्रकार के टेस्ट हो रहे हैं। यानी RTPCR और रैपिड टेस्ट। कुछ शुरू होने वाले हैं (जैसे saliva और लेटरल फ्लो टेस्ट)।

RTPCR यानी रिवर्स ट्रांसक्रिप्शन पोलीमेरेज़ चैन रिएक्शन :

इसे केरी मुलिस ने 1983 में इनवेंट किया था ।1993 में इसके लिये उन्हें नोबेल पुरस्कार भी मिला।इसमें जांच में कुछ दिन लगते हैं।इसमे 1 मॉलिक्यूल डीएनए से 100 बिलियन डीएनए मॉलिक्यूल बनाये जा सकते हैं। चूंकि COVID-19 में RNA होता है,इसलिये उसे cDNA में परिवर्तित किया जाता है।फिर उसे देख कर बताया जाता है कि कौन सा वायरस है।COVID-19 है या नहीं।

यह उन मरीज़ों मे उपयोगी है जिनमें वायरस एक्टिव है।यह प्रायः 4-7 दिनों या जल्द के इंफेक्शन में ही रिजल्ट दे देता है।

यह एंटीजन यानी बाहय प्रोटीन आधारित टेस्ट है।

इसके लिये NASOPHARYNX (नाक-गले) से SWAB का सैंपल लिया जाता है। यदि सैंपल सही ढंग से नहीं लिया जाएगा तो ये नेगेटिव आ सकता है।फाल्स नेगेटिव/पॉजिटिव  होने के अन्य कारण भी हो सकते हैं।

दूसरी ओर रैपिड COVID-19 टेस्ट भी है।यह 10-15 मिनट में रिपोर्ट दे देता है। ये ब्लड,प्लाज्मा आदि से होता है न कि SWAB से। यह ऐंटीबॉडी आधारित टेस्ट है। इसमे IgG और IgM को देखा जाता है।

यदि IgM पॉजिटिव है तब यह 7- 14 दिनों का केस होता है । IgM इसके बाद प्रायः खत्म होने लगता है।

यदि IgG पॉजिटिव है तब ये 2-3 सप्ताह से लेकर 2 महीना पुराना भी हो सकता है।

रैपिड टेस्ट कई बार यह नहीं बताता कि मरीज़ संक्रमित है या नहीं।यह ये जरूर बताता है कि मरीज़ को पहले संक्रमण हुआ था और अब एक्टिव फेज लगभग नही है।मरीज़ में अब प्रतिरोधक क्षमता का विकास हो गया है।

यही जानना सबसे मत्वपूर्ण है क्योंकि इससे बहुत विरोधभास सामने आने लगते हैं।

COVID 19 रैपिड टेस्ट कई बार कोरोना HK U1,कोरोना NL63,OC 43,22E आदि में भी पॉजिटिव हो सकता है।

सरकार जब भी किसी डेटा को सार्वजनिक रूप से जारी करती है तो इसके हर पहलू, आम लोगों की बीमारी के बारे में समझ आदि का ध्यान रखती है।
इसके अलावा FALSE पॉजिटिव/नेगेटिव के अन्य कारण भी हो सकते हैं।इसमें अब ज्यादा लिखने से कंफ्यूजन पैदा हो सकता है।

अतः सतर्क रहें। हाथ साफ रखें. शारीरिक दूरी बनाए रखे.