दंतेवाड़ा की महिलाएं लिख रहीं बदलाव की इबारत - gidhaur.com : Gidhaur - गिद्धौर - Gidhaur News - Bihar - Jamui - जमुई - Jamui Samachar - जमुई समाचार

Breaking

A venture of Aryavarta Media

Post Top Ad

Post Top Ad

Monday, 2 December 2019

दंतेवाड़ा की महिलाएं लिख रहीं बदलाव की इबारत



02 DEC 2019

रायपुर : छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा का जिक्र आते ही नक्सल समस्या की तस्वीर नजरों के सामने घूम जाती है, मगर यहां अब बदलाव की बयार चल रही है, जिसका असर महिलाओं और युवतियों पर साफ नजर आने लगा है।

यहां महिलाएं ई-रिक्शा चलातीं, वनोपज से सामान तैयार करतीं तो मिल ही जाएंगी, उनमें स्वास्थ्य के प्रति भी खासी जागरूकता दिखाई देने लगी है।

नक्सल प्रभावित सुदूर दक्षिण बस्तर के दंतेवाड़ा जिले में महिलाओं को 'खास दिनों' में अपनी सेहत का ध्यान रखना एक बड़ी चुनौती रहा है, बदलाव की मुहिम के चलते यहां की महिलाएं ना सिर्फ अपने स्वास्थ्य के प्रति ही जागरूक हुई हैं, बल्कि अन्य ग्रामीण महिलाओं के बीच भी स्वास्थ्य और सुरक्षा का संदेश देती नजर आती हैं।

राज्य सरकार ने वनांचल क्षेत्र की महिलाओं में स्वास्थ्य और स्वच्छता के प्रति जागरूकता लाने के लिए 'मेहरार चो मान' यानी 'महिलाओं का सम्मान' अभियान के जरिए एक प्रयास शुरू किया है। इस अभियान का उद्देश्य केवल किशोरियों और महिलाओं को सेनेटरी पैड उपलब्ध कराना न होकर उन्हें मासिक धर्म के बारे में विभिन्न भ्रांतियों के प्रति जागरूक कर गंभीर बीमारियों से निजात दिलाना भी है।

राज्य सरकार के इस अभियान से जुड़कर समूह की महिलाएं न केवल सेनेटरी पैड निर्माण से आय अर्जित कर अपने परिवार को संबल प्रदान कर रही हैं, बल्कि किशोरियों और ग्रामीण महिलाओं को नि:शुल्क सेनिटरी पैड वितरण कर जागरूक भी कर रही हैं। इसका असर यह हुआ है कि महिलाएं कपड़े का इस्तेमाल न कर अब पैड का इस्तेमाल कर रही हैं।

जिला प्रशासन और एनएमडीसी के सहयोग से बनाए गए पांच केंद्रों में लगभग 45 महिलाएं सेनेटरी पैड निर्माण का कार्य करती हैं।

Post Top Ad