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धार्मिक आस्था का केंद्र है घनश्याम स्थान, सोमवार को पूजा करने उमड़ी भीड़

गिद्धौर/जमुई [सुुशान्त साईं सुन्दरम] :
गिद्धौर प्रखंड के कोल्हुआ पंचायत स्थित घनश्याम स्थान में बाबा घनश्याम की पूजा आदि काल से की जा रही है। पूजा करने के लिए प्रत्येक सोमवार को सैकड़ों श्रद्धालुओं का यहाँ आगमन होता है।

मंदिर में बाबा घनश्याम के मिट्टी के बने पिंडी स्वरूप की पूजा की जाती है। यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं की मानें तो बाबा घनश्याम से मांगी जाने वाली मुरादें जरूर पूरी होती है। मनोकामना पूर्ति के लिए घनश्याम स्थान श्रद्धालुओं के लिए आस्था और विश्वास का केन्द्र बना हुआ है। इस मंदिर में दर्शन पूजन के लिए लोग दूर-दराज के इलाकों से आते हैं। दूध, जनेऊ, मिश्री, फूल और बेलपत्र से घनश्याम बाबा के पिंडी स्वरुप की पूजा की जाती है। वहीं महिलाएं झांप-फुलाहरा भी चढ़ाती हैं।

इलाके के लोगों की पौराणिक मान्यता है कि जो लोग सर्प दंश के शिकार होते हैं, उन्हें बाबा घनश्याम के पास ले जाते हैं, और वहीं उनका वहाँ के पुजारी द्वारा, मंत्रोच्चारण से शर्प का विष उतारने का काम किया जाता है, जो किसी अलौकिक चमत्कार से कम नहीं है। इसके लिए भी घनश्याम स्थान की सुप्रसिद्धि आसपास के इलाकों में है। यहाँ वर्षों से बलि प्रथा का भी प्रचलन है। साथ ही मन्नत मांगकर बच्चों का मुंडन संस्कार भी कराया जाता है।

सोमवार को विधिपूर्वक घनश्याम बाबा की पूजा-अर्चना की गई। लोगों ने घरों से लाये दूध-फूल आदि चढ़ाए और मनोकामनाएं मांगीं। इस दौरान नई गाड़ियों का भी पूजन हुआ। साथ ही मुंडन संस्कार भी सम्पन्न कराये गए। मंदिर परिसर में ही घनश्याम बाबा को बाली भी चढ़ाया गया। बड़ी संख्या में महिला-पुरुष श्रद्धालुओं ने घनश्याम स्थान पहुंचकर पिंडी स्वरुप बाबा घनश्याम की पूजा-आराधना की। श्रद्धालुओं ने उन्हें फुल, बेलपत्र, दूध, नैवेद्य आदि का भोग लगाया।

इस दौरान मंदिर परिसर में मेला जैसा माहौल नजर आया। खाने-पीने के सामान से लेकर श्रृंगार एवं पूजा सामग्रियों की भी खूब बिक्री हुई. श्रद्धालुओं के आवागमन से माहौल भक्तिमय बना रहा।