【न्यूज़ डेस्क | gidhaur.com】 :-
जमुई जिले में दलहन उत्पादन बढ़ाने की आवश्यकता को देखते हुए कृषि विज्ञान केंद्र ने जिले के 111 किसानों के बीच अरहर की खेती का प्रदर्शन किया है। इसी क्रम में सिकंदरा प्रखंड के धनिमातारी गांव में अरहर की प्रदर्शित खेत पर "प्रक्षेत्र दिवस" मनाया गया।
उक्त कार्यक्रम में केंन्द्र के प्रमुख डॉ सुधीर सिंह ने अरहर की खेती एवं दलहन की आवश्यकता को विस्तार से बताया। कृषि विज्ञान केंन्द्र से संचालित दलहन की CFLD परियोजना अंतर्गत सभी किसानों को अरहर के एल. आर.जी. 41 नामक प्रजाति का बीज सभी किसानों को उपलब्ध कराया था । किसानों के खेत पर इस प्रजाति की लहलहाती फसल देख केंन्द्र प्रमुख ने कहा कि इस फसल को को कीड़े-मकोड़े से बचाने के लिए रसायनों का इस्तेमाल काम किया जाना चाहिए। इसके लिए बर्ड परचर एवं स्पाइडर मल्टीप्लिकेशन केज लगाने की बात कही जिससे मुख्य फसल को बचाया जा सके । केंन्द्र के मृदा वैज्ञानिक डॉ. ब्रजेश कुमार ने दलहन की खेती में मृदा जाँच की उपयोगिता को विस्तार से बताया।
केंन्द्र के इस कार्य को सुदूर गांव तक पहुचाने हेतु गति प्रदान करने, किसानों का चयन करने एवं समय से बीज किसानों तक पहुचाने में सहयोगी संस्था परिवार विकास एवं इसके सचिव भवानंद जी को कृषि विज्ञान केंन्द्र एवं उपलब्ध किसानों ने धन्यवाद् दिया। मौके पर चन्दन कुमार, युगल राय, खूबलाल कोरा, कुंती देवी, मल्टी देवी, मंजू देवी, पांचवा देवी के साथ सैकड़ो लोगों ने भाग लिया।