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जमुई में मॉब लिंचिंग : लोकतंत्र में भीड़ तंत्र की नाइंसाफ़ी


[gidhaur.com | भीमराज] Edited by- Shubham Mishra. :-

यह कैसी विडम्बना है कि पिछले कुछ वर्षों से भारत में माॅब-लिंचिंग की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। कभी धर्म,कभी जाति,तो कभी किसी अपराध का आरोप लगाकर भीड़ द्वारा हिंसक रूप धारण कर कानून को अपने हाथों में लेकर,बिना सत्यता जांचे  सजा दी जा रही है, और लोगों द्वारा इस तरीके की घटना को जनता द्वारा न्याय कहा जा रहा है। 


ऐसी ही घटना विगत बुधवार को जमुई के अलीगंज बाजार में देखने को मिली,जहां देर शाम को सोनखार गांव निवासी अमर सिंह द्वारा एक टेंपो चालक से किसी बात को लेकर विवाद चल रहा था,तभी पुरसंडा गांव के शिक्षक, विमलेश कुमार उर्फ बबलू यादव दोनों को समझाने लगे इसी दौरान अमर सिंह द्वारा विमलेश पर गुस्सा होकर उनके पैरों में गोली मार दिया गया। जिसके कारण विमलेश घटनास्थल पर ही घायल होकर गिर गया। तत्पश्चात बाजार में गोली चलने की आवाज सुनकर सैकड़ों की संख्या में लोग घटनास्थल पर पहुंच गए। तब-तक    गोली मार कर भाग रहे अमर सिंह को लोगों ने पकड़ लिया एवं हिंसक भीड़ द्वारा उसकी पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। सूचना पाकर पुलिस ने आकर शव को अपने कब्जे में लेकर अंतप्रत्येक्षण हेतु जमुई सदर अस्पताल भेज दिया। पुलिस द्वारा मामले की छानबीन की जा रही है । बता दें कि इस तरीके की घटना बिहार में पहले भी घट चुकी हैं , फिर भी आजतक सरकार द्वारा कोई कदम नहीं उठाया गया है। कुछ लोगों का कहना है कि इस तरीके की घटना का मुख्य कारण लोगों का पुलिस पर से भरोसा उठ जाना देखा जा सकता है। क्योंकि अधिकांश मामलों में पुलिस की लापरवाही एवं अदालती कार्रवाई में देरी होना इसका कारण बनता जा रहा है।
माॅब-लिंचिंग के बढते मामलों के बावजूद राजनीतिक वर्ग तथा प्रशासक वर्ग मूकदर्शक बन बैठे हैं। समय रहते इस पर ठोस कानून  नहीं बनाया गया तो इस तरीके की घटनायें आम बात हो जायेंगी और लोग कानून को हाथ में लेने लगेंगे। तब वो दिन दूर नहीं ,जब समाज अपराधीकरण की ओर अग्रसर हो जायेगा।