बांका : अधूरा पड़ा है नलजल योजना, पेयजल के लिए जद्दोजहद करते हैं ग्रामीण - gidhaur.com : Gidhaur - गिद्धौर - Gidhaur News - Bihar - Jamui - जमुई - Jamui Samachar - जमुई समाचार

Breaking

Post Top Ad - Contact for Advt

Post Top Ad - SR DENTAL, GIDHAUR

बुधवार, 24 अप्रैल 2019

बांका : अधूरा पड़ा है नलजल योजना, पेयजल के लिए जद्दोजहद करते हैं ग्रामीण

#Exclusive

धोरैया (बांका) | अरुण कुमार गुप्ता】:-

रणगांव पंचायत के मोटंगा 12 न० वार्ड महादलित परिवार के लोग बूंद-बूंद पानी के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं, लेकिन पानी की समस्या से निजात नहीं मिल पा रही है। गांव में पानी की व्यवस्था न होने के कारण ग्रामीण महिला पुरुष गांव से दूर चीर नदी में तीन फीट गड्डा खोद कर चुहाड़ी से पानी लाकर प्यास बुझा रहे हैं, लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण अबतक गांव में नलजल का योजना आधा अधुरा पड़ा है।
इस वार्ड मे करीब 400 महादलित परिवार के लोग रहते है लेकिन पानी की समस्या का निजात कोई भी सरकार अबतक नही कर सकी। ऐसा नही है कि यहां के लोगों के बीच पानी की समस्या कोई नही है बल्की इस गांव में पानी की समस्या सालों पुरानी है। बूंद-बूंद पानी के लिए यहां के लोगों को तरसना पड़ रहा है। 
हालांकि ग्रामीण कई बार प्रशासन से लेकर जनप्रतिनिधियों तक  गांव की पेयजल समस्या से निजात दिलाए जाने की मांग कर चुके हैं। लेकिन किसी ने भी ग्रामीणों की जायज मांग को तवज्जो नहीं दी। 


सरकार गांवों में पानी की समस्या से निपटने के लिए न-केवल करोड़ों रुपए खर्च कर रही है बल्कि कार्ययोजना बनाकर पानी उपलब्ध कराए जाने का ढिंढोरा भी पीटा जा रहा है, लेकिन आज भी क्षेत्र के कई गांवों में पानी की समस्या बनी हुई है।
पानी की समस्या से जूझ रहे ग्रामीणों  के चेहरे पर नीतीश सरकार के प्रति नाराजगी साफ तौर पर देखी जा रही है। ऐसा नहीं है कि मात्र मोटंगा के 12 न0 वार्ड में ही पानी की समस्या बनी हुई है। क्षेत्र के 50 से अधिक गांवों में जल संकट बना हुआ है। अभी गर्मी का मौसम शुरू हुआ है और ग्रामीण पानी के लिए अभी से जद्दोजहद करने लगे हैं। आने वाले दिनों में जल संकट भयावह रूप ले सकता है। 
- यह कैसी नल-जल योजना-
महादलित परिवारों की मानें तो डेढ़ वर्ष पूर्व गांव में नल-जल योजना का कार्य प्रारंभ किया गया था। तब ग्रामीणों ने खुशी का इजहार किया था कि अब गांव के लोगों को शुद्ध व साफ पानी मिलेगा, उस वक्त नलजल योजना के तहत पूरे गंाव में पाईप लाईन भी बिछाई गई लेकिन यह खुशी चंद दिनों में ही कपूर की तरह हवा में उड़ गई। सीर्फ गांव में पाईप ही बिछा हुआ रह गया। गांव के पतिया देवी, पिंकी देवी, ललिता देवी, मल्लीका देवी, पैरू हरिजन सहित अन्य लोगों ने बताया की ढेड़ साल पूर्व गांव में योजना की षुरूआत किया गया था। लेकिन सीर्फ पाईप लाईन ही बिछाकर कार्य को छोड़ दिया गया।
- महिलाएं ला रहीं नदी से पानी -
गांव की महिलाएं सुबह करीब 4 बजे उठकर पानी के लिए जद्दोजहद करने में लग जाती हैं। सिर पर बर्तन रखे महिलाएं चीर नदी में चुहाड़ी खोदकर पानी भर कर ला रही हैं। महिलाओं ने बताया कि नदी से पानी लाने में 3 से 4 घंटे का समय पानी लाने में ही जाया हो जाता है। उसके बाद पानी का कपड़े से छान कर गंदगी को नीचे जमने के लिए छोड़ दिया जाता है तब पानी को किसी तरह पीते है। वहीं गंदा पानी पाने के कारण बीमारी का भी खतरा बना हुआ रहता है।
- कहते हैं मुखिया पति -
इस संदर्भ में रणगांव पंचायत के मुखिया पति अजीत प्रसाद सिंह बताते हैं कि पाईप बिछाने का कार्य पहले ही पूरा हो गया है, बीच में पैसा रिकवरी होने के कारण कार्य अधुरा रह गया था। वार्ड द्वारा पुनः कार्य प्रारंभ कर दिया गया है, जल्द ही लोगों को पानी की समस्या से निजात मिल जायेगी। 
  - क्या कहते है बीडीओ साहब -
धोरैया के प्रखंड विकास पदाधिकारी अभिनव भारती कहते हैं कि मुखिया से पैसा रिकभरी कर वार्ड के खाते में हस्तांरित कर दिया गया है। वहीं कार्य को भी पुनः प्रारंभ करा दिया गया है, जल्द ही यहां के लोगों को पानी मुहैया हो जायेगी।                      

Post Top Ad -