आज हम आपको बिहार के कुछ प्रमुख शक्तिपीठों के दर्शन करवाने जा रहे हैं. आशा है डिजिटल माध्यम से दर्शन कर भी आपको असीम धार्मिक सुख की अनुभूति होगी...
संकलन : अनूप नारायण / पटना

बड़ी पटनदेवी
पटना के महाराजगंज में स्थित बड़ी पटनदेवी महत्त्वपूर्ण शक्तिपीठों में से एक है। कहा जाता है कि सती के शरीर का दाहिना जंघा महाराजगंज में गिरा था और यहीं से उत्खनन में मिली महाकाली, महालक्ष्मी और महासरस्वती की तीन प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं। यहां शक्तिदेवी सर्वानंदकारी एवं भैरव भी प्रतिष्ठित हैं। इस स्थल को बड़ी पटनदेवी का नाम दिया गया है। पटन देवी की सभी प्रतिमाएं काले पत्थर की बनी हैं।





माँ ताराचंडी सासाराम से 6 किमी कि दूरी पर कैमूर पहाड़ी की गुफा में ताराचंडी माँ का मंदिर है। जो 51 शक्तिपीठों में एक है। परशुराम बालिका भगौती के रूप में प्रकट होकर राजा सहस्त्रबाबू को पराजित किया था। इसी बालिका पर माँ ताराचंडी देवी का नाम पड़ा। ऐसा माना जाता है कि श्री राम के लिए हनुमान ने जिस पर्वत से संजीवनी बूटी लाई थी वह पर्वत यही है। यह भी धारणा है कि माँ सीता ने यही महिषासुर को मारा था। ताराचंडी के अलावे यहाँ मुन्डेश्वरी माँ की काले रंग की मूर्ति भी है और इसके अलावे कई और देवी देवताओं की मूर्तियां यहाँ स्थापित हैं। इस मंदिर के नजदीक चार झरने हैं जो सीता कुंड और माझरमुंड के नाम से जाने जाते हैं।



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धर्म एवं आध्यात्म